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डी-डूप्लीकेशन सॉफ्टवेयर फर्जीवाड़ा करने वाले परीक्षार्थी की खोलेगा पोल
चार माह में 1986 से अब तक का रिजल्ट डाटा होगा ऑनलाइन पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति जल्द ही डी-डूप्लीकेशन सॉफ्टवेयर लाने जा रहा है. इस सॉफ्टवेयर से फर्जीवाड़ा करने वाले उन तमाम परीक्षार्थियों को पकड़ा जा सकेगा जो सही जानकारी बोर्ड से छुपा कर दुबारा मैट्रिक या इंटर की परीक्षा में शामिल होना […]
चार माह में 1986 से अब तक का रिजल्ट डाटा होगा ऑनलाइन
पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति जल्द ही डी-डूप्लीकेशन सॉफ्टवेयर लाने जा रहा है. इस सॉफ्टवेयर से फर्जीवाड़ा करने वाले उन तमाम परीक्षार्थियों को पकड़ा जा सकेगा जो सही जानकारी बोर्ड से छुपा कर दुबारा मैट्रिक या इंटर की परीक्षा में शामिल होना चाह रहे हैं. समिति के अनुसार इस सॉफ्टवेयर को 2018 के इंटर और मैट्रिक परीक्षा फॉर्म भरने के पहले लागू कर दिया जायेगा. ज्ञात हो कि हर साल सैकड़ों परीक्षार्थी उम्र, एड्रेस, जन्म तिथि आदि छुपा कर वार्षिक इंटर और मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होते रहे हैं. इसको देखते हुए समिति ने यह निर्णय लिया है कि 1986 से 2016 तक के सारे रिजल्ट को ऑनलाइन किया जायेगा. इससे फर्जीवाड़ा करने वाले को आसानी से पकड़ा जा सकेगा.
2005 तक का डाटा हो चुका है ऑनलाइन
मार्क्स को ऑनलाइन करने की सुविधा के तहत समिति द्वारा अब तक के सारे रिजल्ट को ऑनलाइन किया जा रहा है. समिति की मानें तो 2005 से 2016 तक के रिजल्ट के डाटा को ऑनलाइन कर दिया गया है. चार महीने में 1986 से 2004 तक के सारे रिजल्ट को ऑनलाइन कर दिया जायेगा. इससे उन छात्रों को पकड़ना आसान हो जायेगा जो पूर्व में भी मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में शामिल हो चुके हैं.
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