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एप लांच कर भूल गया निगम, प्रचार के अभाव में लोग नहीं कर रहे शिकायत
इ-म्यूनिसिपैलिटी व स्वच्छ भारत मिशन एप पर नहीं हो रहा काम शिकायत व जन सुविधा के लिए लांच किये गये थे एप पटना : नगर निगम की ओर से शहर की सफाई के हाल से सब वाकिफ हैं. सड़क पर बिखरा कचरा व जलजमाव ही नगर निगम का प्रतीक बन गया है. वहीं, दूसरी तरफ […]
इ-म्यूनिसिपैलिटी व स्वच्छ भारत मिशन एप पर नहीं हो रहा काम
शिकायत व जन सुविधा के लिए लांच किये गये थे एप
पटना : नगर निगम की ओर से शहर की सफाई के हाल से सब वाकिफ हैं. सड़क पर बिखरा कचरा व जलजमाव ही नगर निगम का प्रतीक बन गया है. वहीं, दूसरी तरफ जन सुविधाओं कीजरूरत को पूरा करने व जन शिकायत को दूर करने के लिए निगम में लांच किये गये मोबाइल एप का उपयोग भी ठंडे बस्ते में चला गया है.
बीते वर्ष व इस वर्ष में मिला कर कुल तीन मोबाइल एप लांच किये गये हैं, मगर वर्तमान हालात में किसी भी एप का प्रचार नगर निगम की ओर से नहीं किया जा रहा है और जानकारी व प्रचार के अभाव में लोग इस एप का फायदा शिकायत व सुविधा के रूप में नहीं उठा पा रहे हैं. अधिकांश में निगम अधिकारियों को भी इस एप के बारे में जानकारी नहीं है. इसके अलावा मोबाइल एप पर आनेवाली शिकायतों को दूर करने व सुविधा का लाभ देने के लिए किसी विशेष अधिकारी को भी जिम्मेवारी नहीं दी गयी है.
अपना पटना मोबाइल एप : बीते वर्ष मार्च में एबीएम कंपनी की ओर से अपना पटना मोबाइल एपको तैयार किया गया था. उस समय नगर अायुक्त जय सिंह थे. आयुक्त ने अपने प्रयास से अपना पटना मोबाइल एप को लांच करवाया. इसमें वार्ड वार शिकायत करने की सुविधा थी. सफाई निरीक्षकों को भी इससे जोड़ा गया था. लोग इस पर जलजमाव, कचरा उठाव से लेकर डोर-टू-डोर पर अपनी शिकायत कर सकते थे. शिकायत में फोटो अपलोड करने की भी सुविधा थी और संबंधित अधिकारी को समस्या दूर कर फोटो अपलोड करना था.
अब क्या स्थिति : जब मोबाइल एप लांच किया गया था, तब दो माह के भीतर एक हजार तक शिकायत आ गयी थी. 900 से अधिक शिकायत को निगम ने दूर कर दिया था. तब प्रतिदिन नगर आयुक्त स्तर पर मोबाइल एप पर आनेवाली शिकायत की मॉनीटरिंग की जाती थी. नगर आयुक्त शिकायत दूर नहीं होने का कारण पूछते व निर्देश भी देते. लेकिन, आयुक्त बदलते ही एप पर आनेवाली शिकायतों का निपटारा करना भी बंद कर दिया गया.
प्रचार भी बंद हो गया और फिर शिकायत आने का सिलसिला भी बंद हो गया. अभी भी निगम की नयी वेबसाइट से इसे लिंक किया गया है. मगर उपयोग बंद है.
स्वच्छ भारत मिशन मोबाइल एप: इस वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान स्वच्छता एप को लांच किया गया था. एप केंद्रीय सरकार की थी, मगर नगर निगम के लिए अपना कोना था. इसमें शहरवार लोगों को नगर निगम के लिए शिकायत करने की सुविधा मिली थी. उसमें शिकायत के आधार पर सर्वेक्षण में नगर निगम को अंक मिलने थे. पटना में एप की शुरुआत 12 फरवरी से की गयी थी. लोगों ने सफाई को लेकर 616 शिकायतें की थी और 314 शिकायतों को नगर निगम ने समय पर दूर कर दिया था, जबकि 275 शिकायतें समय के बाद निबटाये गये.
अब क्या है हाल: स्वच्छता एप भले ही स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान शुरू किये गये थे. इस समय इसका होर्डिंग लगा कर प्रचार किया गया था. केंद्रीय गाइड लाइन के अनुसार सर्वेक्षण के बाद भी लोग इस पर शिकायत कर सकते थे और निगम को इसे दूर करना था. लेकिन, 28 फरवरी के बाद सर्वेक्षण बंद होने के साथ ही इस एप का उपयोग भी बंद हो गया. निगम ने इसका प्रचार करना भी बंद कर दिया.
इ-म्यूनिसिपैलिटी बिहार मोबाइल एप : जन सुविधाओं को लेकर इ-म्यूनिसिपैलिटी एप की लांचिंग बीते दो माह पहले की गयी थी. इसमें आॅनलाइन जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने की सुविधा दी गयी थी. इसके अलावा ऑनलाइन नक्शा आवेदन पर अब तक क्या कार्रवाई की गयी, इसको भी देखा जा सकता है.
अभी क्या है हालात : इस सुविधा के बारे में लोगों को जानकारी नहीं है. निगम की ओर से इसका प्रचार नहीं किया गया. निगम कार्यालय में ही ऑनलाइन सुविधा का फायदा नहीं मिल पाता. एप पर आनेवाली शिकायतों को दूर करने और इसकी निगरानी करने के लिए कोई अधिकारी नहीं है. लोग फायदा नहीं उठा पा रहे हैं.
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