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बरसात शुरू होने से पहले रजौली में बाढ़ से बचने की तैयारी शुरू

Nawada News.आगामी मॉनसून से पहले संभावित बाढ़ के खतरों से निपटने के लिए रजौली प्रखंड प्रशासन ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है.

प्रशासन ने कसी कमर, संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष फोकस

बैठक में बीडीओ बाढ़ नियंत्रण व जल निस्सरण विभाग के अधिकारी व अंचल अधिकारी ने रणनीति बनायी

रजौली.

आगामी मॉनसून से पहले संभावित बाढ़ के खतरों से निपटने के लिए रजौली प्रखंड प्रशासन ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. बुधवार को प्रखंड कार्यालय में आयोजित बैठक में बीडीओ संजीव झा के नेतृत्व में बाढ़ नियंत्रण व जल निस्सरण विभाग के अधिकारियों और अंचल अधिकारी ने संयुक्त रूप से रणनीति बनायी. इस बैठक का उद्देश्य बारिश के मौसम में होने वाले नदी कटाव और जलभराव से स्थानीय आबादी को सुरक्षित रखना था.तीन सर्वाधिक संवेदनशील स्थानों की हुई पहचानबैठक के दौरान, बीडीओ संजीव झा ने विस्तार से बताया कि रजौली क्षेत्र में बहने वाली धनार्जय और खुरी नदी बारिश के दिनों में उफान पर रहती है. उन्होंने विशेष रूप से धनार्जय नदी पर चिंता व्यक्त की, जिसकी जलस्तर बढ़ने पर बड़े पैमाने पर मिट्टी का कटाव होता है. पिछले वर्षों के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने तीन सर्वाधिक संवेदनशील स्थानों की पहचान की, जहां कटाव का खतरा सबसे अधिक रहता है.

बाढ़ से उत्पन्न होने वाली परेशानी वाले चिन्हित स्थान

चितरकोली पंचायत स्थित सिल्ली दिबौर के क्षेत्र नदी से सीधे संपर्क में होने के कारण हर साल कटाव का शिकार होता है. नगर पंचायत क्षेत्र की कलाली गली स्थित आंबेडकर छात्रावास भी शहरी आबादी के करीब होने से यह स्थान भी नदी के कटाव से प्रभावित होता रहा है.नीचे बाजार स्थित राज शिवालय मंदिर के पास धार्मिक और घनी आबादी वाला क्षेत्र भी नदी के कटाव की जद में आ जाता है. बीडीओ ने बताया कि इन चिन्हित स्थानों पर पूर्व-मॉनसून कार्य युद्धस्तर पर किये जायेंगे.

बाढ़ से प्रभावित होने वाले जगहों होगी खास कार्य योजना

बाढ़ नियंत्रण के लिए ठोस कार्य योजना की बैठक में सीओ मो. गुफरान मजहरी और बाढ़ नियंत्रण व जल निस्सरण अवर प्रमंडल सकरी पौरा के सहायक अभियंता हरिश्चंद प्रसाद व कनीय अभियंता ने भी अपनी राय दी. निर्णय लिया गया कि बारिश से पहले ही बोरे में रेत या मिट्टी भरकर नदी के किनारों पर रखा जायेगा. खासकर चिन्हित संवेदनशील स्थानों पर. यह विधि नदी के तेज बहाव से होने वाले कटाव को रोकने में प्रभावी मानी जाती है. सहायक अभियंता हरिश्चंद प्रसाद ने बताया कि उनकी टीम इन कार्यों की निगरानी करेगी, ताकि गुणवत्ता और समय-सीमा का पालन हो सके. इसके अतिरिक्त, स्थानीय कर्मियों को भी अन्य संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की तलाश करने और उनकी रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है, ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सके.

सुरक्षित रजौली के लिए प्रशासन है प्रतिबद्ध

इस बैठक से यह स्पष्ट संदेश मिला है कि रजौली प्रशासन आगामी मॉनसून के लिए पूरी तरह से तैयार है. बीडीओ संजीव झा ने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि रजौली की जनता को बाढ़ के कहर से सुरक्षित रखा जाये. हमने संवेदनशील स्थानों की पहचान कर ली है और बचाव कार्य जल्द ही शुरू कर दिये जायेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बारिश का पानी तबाही न मचाये. प्रशासन की यह सक्रियता निश्चित रूप से स्थानीय निवासियों के लिए एक राहत भरी खबर है, जो हर साल बाढ़ की आशंका के साथ जीते हैं. उम्मीद है कि इन तैयारियों से रजौली में इस बार बाढ़ से होने वाला नुकसान काफी कम होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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