जिले में नारदीगंज की सभी पंचायतों के अलावा सभी प्रखंडों की एक-एक पंचायत को खुले में शौचमुक्त बनाने का है लक्ष्य
शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
ग्रामीण क्षेत्रों में 30, 699 में 12,567 घरों में शौचालय बनाने की रिपोर्ट
शहरी व नगर निकाय क्षेत्रों में 1766 में 569 घरों में बने गये शौचालय
नवादा नगर : 21वीं सदी में भी खुले में जाकर शौच करने की व्यवस्था शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रही है. मुख्यमंत्री के सात निश्चय में सभी घर में शौचालय का लक्ष्य रखा गया है. जिला स्तर पर इसको मूर्त रूप देने के लिए पंचायतों का चयन किया गया है. नारदीगंज प्रखंड की सभी 11 पंचायतों के साथ ही अन्य सभी प्रखंडों के एक-एक पंचायतों में प्रमुखता से इस अभियान से जोड़ा गया है. शौचालय घरों में है या नहीं, इसको लेकर व्यापक स्तर पर सबसे पहले सर्वेक्षण का काम कराया गया था. इसके तहत शहरी व नगर निकाय वाले क्षेत्रों में 1766 घरों में शौचालय बनाने का लक्ष्य 2016-17 में रखा गया था. इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में 30,699 घरों में शौचालय बनाया जाना है. सीएम के निश्चय यात्रा के बाद नये जोश में अधिकारी दिख रहे हैं. लगातार शौचालय बनाने की मॉनीटरिंग कर रहे हैं.
गावों में लोगों को जागरूक किया जा रहा है. स्कूल में छात्र-छात्राओं को अपने अभिभावकों को शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित करने की अपील की है.
प्रशासन के प्रयास से दिख रही सफलता जिला प्रशासन द्वारा प्रचारात्मक काम व शौचालय बनाये जाने के लिए किये जा रहे हरसंभव प्रयास से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय बनवाने को लेकर जागरूकता देखने को मिल रही है. घर में खास कर महिलाओं को शौचालय के अभाव में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिला मुख्यालय के स्लम एरिया में भी शौचालय नहीं रहने के कारण यहां के लोग बाहर में शौच करने को मजबूर होते हैं. इन इलाकों में भी शौचालय बनाने की पहल दिखने लगी है. नारदीगंज में लगातार अधिकारियों के प्रयास से सामाजिक रूप से इसे आगे बढ़ाने का काम किया गया है.
मुख्यमंत्री के आगमन से काम में तेजी सीएम के निश्चय यात्रा के क्रम में सात निश्चय में शामिल हर घर शौचालय की योजना का लाभ मिलता दिख रहा है. अकबरपुर प्रखंड के सुपौल गांव में सीएम का कार्यक्रम जिले का पहला शौच मुक्त पंचायत बनने के कारण ही संभव हो पाया था. शौचालय को लेकर अब महिलाओं व लड़कियों में जागरूकता दिखती है. शौचालय नहीं रहने का सबसे अधिक समस्या इन्हीं को उठाना पड़ता है.