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गलाघोंटू व लंगड़ी बीमारी से होगा पशुधन का बचाव
पहल. पशुओं को 20 अगस्त तक लगाये जायेंगे मुफ्त में टीके एक लाख 80 हजार दुधारू पशुओं को टीका लगाने का है लक्ष्य नवादा नगर : पशुओं को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए जिला पशुपालन विभाग द्वारा पशु स्वास्थ्य सुरक्षा पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है. घर-घर जाकर पशुओं के […]
पहल. पशुओं को 20 अगस्त तक लगाये जायेंगे मुफ्त में टीके
एक लाख 80 हजार दुधारू पशुओं को टीका लगाने का है लक्ष्य
नवादा नगर : पशुओं को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए जिला पशुपालन विभाग द्वारा पशु स्वास्थ्य सुरक्षा पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है. घर-घर जाकर पशुओं के लिए जानलेवा बीमारियों गलाघोंटू (एचएस) व लंगड़ी (ब्लैक क्वार्टर) से बचने के टीके लगाये जा रहे हैं.
एक से 20 अगस्त तक चलनेवाले इस अभियान के तहत एक लाख 80 हजार दुधारू पशुओं को टीका लगाने के लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए पहले खेप में छह हजार टीके जिले में उपलब्ध कराये गये हैं. शेष एक लाख 74 हजार टीके बुधवार तक जिले को मिलने थे. लेकिन, देर शाम तक दवा की यह खेप जिले में उपलब्ध नहीं हो पाया. टीका लगाने के लिए दो सौ से अधिक प्राइवेट स्तर पर ट्रेंड कर्मियों को लगाया गया है.
प्रखंड के अनुसार तय किया गया लक्ष्य : प्रखंडबार टीका लगाने के लिए लक्ष्य तय किये गये हैं. इसे विभिन्न चरणों में ग्रामीण स्तर पर ट्रेंड प्राइवेट कर्मियों द्वारा लगाया जायेगा. जिले के लिए एक लाख 80 हजार पशुओं के लक्ष्य को ही प्रखंडों में बांटा गया है. रजौली में 16750, अकबरपुर में 20100, सिरदला में 14500, कौआकोल में 14500, पकरीवरावां में 13400, वारिसलीगंज में 15600, काशीचक में 6350, नवादा में 20500, नारदीगंज में 8950, रोह में 12500, मेसकौर में 7450, गोविंदपुर में 6700, नरहट में 8950, हिसुआ में 11150 व नगर पर्षद क्षेत्र के 2600 दुधारू पशुओं को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
पशुपालक दें पूरी जानकारी : टीका लगाने के लिए जानेवाले कर्मियों को पशुपालक पूरी जानकारी दें. ताकि दस्तावेजों का सही ढंग से संधारण किया जा सके. टीका के पहले किसान का नाम व उसके पहचान का नंबर देना अनिवार्य है. पशुपालक आधार कार्ड नंबर व वोटर आइडी कार्ड नंबर आदि पहचान के रूप में दे सकते हैं. कर्मियों द्वारा सही से काम हो रहा है इसके लिए पशुपालकों से जरूरी जानकारी ली जा रही है.
मॉनीटरिंग की है व्यवस्था : टीकाकरण का काम सही से हो रहा है या नहीं इसकी जांच के लिए चार स्तरीय कमेटी बनी हुई है. राज्य, प्रमंडल, जिला व प्रखंड स्तर पर जांच कमेटी बनायी गयी है. प्रत्येक प्रखंड में दो-दो पशु चिकित्सकों को मॉनीटरिंग का काम दिया गया है. माइक्रो प्लान के तहत जिले में काम शुरू हो गया है. प्रत्येक दिन के लिए पंचायत के अनुसार टीकाकरण का रूट तय किया गया है.
गलाघोंटू व लंगड़ी रोग से होनेवाले खतरे
गलाघोंटू रोग से पीड़ित पशुओं की श्वास नली में इंफेक्शन से सांस नहीं ले पाता है. तेज बुखार के साथ सांस नहीं ले पाने से अक्सर इस रोग से पीड़ित जानवर की मौत हो जाती है. वहीं लंगड़ी रोग भी बैक्टेरिया से फैलनेवाला रोग है, जो पशुओं के हार्ड मसल को इंफेक्ट करके मृत प्राय बना देता है. इस रोग से बचाने के लिए टीका करण सबसे बेहतर उपाय है. सरकार द्वारा मुफ्त में यह टीका घर-घर जाकर पशुओं को लगाया जा रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
सही तरीके से टीका पशुओं को लगे इसके लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है. जिला स्तर पर मॉनीटरिंग का काम हो रहा है. सभी पशु चिकित्सकों को भी इसके लिए जिम्मेवारी सौंपी गयी है.
डॉ श्याम सुंदर प्रसाद, जिला पशुपालन पदाधिकारी
जिले में छह हजार वैक्सीन तत्काल आया है. शेष एक लाख 74 हजार बुधवार को आना था. लेकिन, शाम तक नहीं आया है. विभाग द्वारा समय से वैक्सिनेशन काम के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी की गयी है.
डॉ सुनील कुमार, जिला भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी
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