गड़ेरियाें को नहीं मिल रहा रोजगार का लाभ काशीचक. प्रखंड की सुभानपुर पंचायत के धानपुर गांव में गड़ेरिया परिवार का टोला बसा है़ इस समुदाय के लोगों का मुख्य कार्य भेड़पालन है. भेड़ के रोआ से ऊन तैयार कर इससे कंबल बनाना व इसे बेच कर अपना जीविका चलाना इनका पुस्तैनी पेशा है़ गांव के शिवपाल, रामनाथ पाल बताते हैं कि सरकार के तमाम विकास के दावों के बावजूद कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है़ दूसरी ओर सरकार घोषणा कर रही है कि मुरगी पालन से लेकर मछली, भेड़ पालन के लिए सरकारी ऋण प्राप्त कर गरीबों व पिछड़े परिवारों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जायेगा. इन गड़ेरिया परिवार को किसी भी तरह के योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है़ परिवार के मुखिया रवींद्र पाल बताते हैं कि इस पारंपरिक पेशे को आर्थिक मदद पहुंचा कर कंबल बनाने के पेशे को कुटीर उद्योग से जोड़ा जाना चाहिए़ हमारे द्वारा बनाये गये कंबल बाजार के अन्य कंबलों से ज्यादा टिकाऊ होता है. हमारे उत्पादों को बाजार नहीं मिल पाता है़ इसके कारण हमें अपने उत्पादों को सस्ते दामों पर बेचना पड़ता है़ इससे आर्थिक नुकसान होता है़ वर्षों पहले इन समुदायों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए समविकास योजना के तहत भवन तो बनाये गये लेकिन सरकारी सहायता व उपकरण की कमी व विभागीय लापरवाही के कारण इन्हें लाभ नहीं मिल रहा है. पहले बने भवन भी टूट कर गिर चुके हैं. इन परिवारों को सरकारी मदद की जरूरत है.
गड़ेरियों को नहीं मिल रहा रोजगार का लाभ
गड़ेरियाें को नहीं मिल रहा रोजगार का लाभ काशीचक. प्रखंड की सुभानपुर पंचायत के धानपुर गांव में गड़ेरिया परिवार का टोला बसा है़ इस समुदाय के लोगों का मुख्य कार्य भेड़पालन है. भेड़ के रोआ से ऊन तैयार कर इससे कंबल बनाना व इसे बेच कर अपना जीविका चलाना इनका पुस्तैनी पेशा है़ गांव के […]
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