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भवनहीन आंगनबाड़ी पर बच्चों को परेशानी

भवनहीन आंगनबाड़ी पर बच्चों को परेशानी प्रखंड के 115 केंद्रों में 63 को ही अपना भवननगर पंचायत के 24 केंद्रों में दो ही भवनफोटो- 1प्रतिनिधि, हिसुआजाड़े में भवनहीन आंगनबाड़ी केंद्र के छोटे-छोटे बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है़ कड़ाके की ठंड पड़ रही है़ आये दिन तक कुहासा रहता है़ ऐसे में […]

भवनहीन आंगनबाड़ी पर बच्चों को परेशानी प्रखंड के 115 केंद्रों में 63 को ही अपना भवननगर पंचायत के 24 केंद्रों में दो ही भवनफोटो- 1प्रतिनिधि, हिसुआजाड़े में भवनहीन आंगनबाड़ी केंद्र के छोटे-छोटे बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है़ कड़ाके की ठंड पड़ रही है़ आये दिन तक कुहासा रहता है़ ऐसे में बच्चे केंद्र पर पहुंचते हैं और पूरी सुरक्षा नहीं मिल पाती है़ खुले व बरामदे में बच्चों को ठंड सहना पड़ रहा है़ अभी केंद्र के संचालन समय 10 बजे से एक बजे तक तय है़ प्रखंड में कुल 115 केंद्र है. इनमें 63 केंद्रों को ही अपना भवन है़ 17 सामुदायिक भवन में संचालित हैं. पर, उसमें भी कई केंद्रों का संचालन भवन में नहीं होता है. जैसे हदसा डीह में भवन रहते केंद्र दूसरे स्थान पर चलता है़ बुधौल में भवन जर्जर होने की वजह से केंद्र दूसरे जगह संचालित है़ हरिजन टोला सोनसा में भवन बदहाल पड़ा हुआ है़ भवनहीन केंद्रों का संचालन या तो किराये के मकान में होता है या किसी सामुदायिक भवन में. नगर पंचायत के 24 केंद्रों में से कुल दो ही केंद्र के अपने भवन हैं. शेष 22 केंद्रों का संचालन किराये के मकान में हो रहा है़ ग्रामीण क्षेत्र हो या नगर का क्षेत्र केंद्र बच्चों के लिए मौसम के लिहाज से सुरक्षित नहीं है़ भवन नहीं रहने से बच्चों को खेलने, शौच करने, पानी पीने, वाटर फिल्टर, तौलिया, साबुन सहित खेल की वस्तुओं का लाभ नहीं मिल पाता और कई परेशानियां झेलनी पड़ती है़ केंद्र पर पोषाहार, जलावन आदि का स्टोर नहीं हो पाता है़ पर्याप्त फर्नीचर आदि नहीं रह पाते हैं.भवन निर्माण में भूमि व आवंटन बाधाआंगनबाड़ी केंद्रों के भवन के निर्माण की सरकार की पहल व निर्देश के बावजूद कई विसंगतियों की वजह से भवन नहीं बन रहा है़ कहीं भूमि उपलब्ध नहीं है, तो कहीं आवंटन व योजना की राशि नहीं होने की परेशानी है़ नगर पंचायत के 22 केंद्रों के लिए भवन की जरूरत है़ वार्ड नंबर पांच व छह नबंर 11 सहित अन्य वार्डों में भूमि उपलब्ध नहीं है. शेष वार्डों में भूमि उपलब है, पर सबसे बड़ी बाधा रुपये का अावंटन है. केंद्र के निर्माण के लिए शहरी क्षेत्र में 13वीं वित्त आयोग के रुपये नहीं मिलने की बात बतायी जाती है. अन्य मद से नगर पंचायत इसके निर्माण का निर्णय नहीं ले रहा है़ इस कारण चार सालों में 22 में से एक भी भवन का निर्माण नहीं हुआ़ ग्रामीण क्षेत्रों में कई केंद्रों का निर्माण विवाद में फंसा हुआ है़ जैसे तुंगी चमरटोली में रास्ते का विवाद है़ तरौनी पर और रानीपुर में भूमि नहीं है़ कुल मिलाकर इन विवादों व बाधाओं को दूर करने की पहल पांच साल से चल रही है पर प्रगति कम है़ ग्रामीण क्षेत्रों में तो इक्का-दुक्का निर्माण हो भी रहा है पर नगर पंचायत में कोई प्रगति नहीं है. इसका खामियाजा बच्चें भुगत रहे हैं.भूमि के लिए हो रही पहल भूमि, विवाद व रुपये के आवंटन आदि की बाधाओं की वजह से भवन निर्माण कई स्थानों पर रूका हुआ है़ वैसे इसके लिए लगातार पहल हो रही है़ संबंधित विभाग, पंचायत समिति, नगर पंचायत आदि को बार-बार लिखा जा रहा है़ ग्रामीण क्षेत्रों में भवन समय-समय पर भवन बन भी रहा है़ जाड़े में सेविका व सहायिका को खुले व बरामदे में बच्चों को रखने से मना किया गया है़ उषा सिन्हा, सीडीपीओ

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