– नगर भवन में जिले के मुखियों को दी गयी श्रम अधिनियमों की जानकारी
– श्रम विभाग चला रहा बाल श्रम उन्मूलन सप्ताह पर जागरूकता कार्यक्रम
नवादा : केवल बाहर काम करने वाला बच्चे ही बाल श्रमिक नहीं होते, बल्कि घर में भी काम करने वाले बच्चे भी इसी श्रेणी में आते हैं. बाल श्रमिकों से मजदूरी कराना कानूनन अपराध है. इसके लिए जागरूकता बहुत जरूरी है.
ये बातें बुधवार को बाल श्रम उन्मूलन विषय पर नगर भवन में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए एडीएम महर्षि राम ने कहीं. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर बच्चे मजदूरी करते नजर आते हैं. उनको जागरूक करने व मजदूरी करने से रोकने में पंचायतों के मुखिया को पहल करने की जरूरत है.
प्रशिक्षण भी दिया
कार्यशाला में बाल श्रम पर जिले के सभी पंचायतों के मुखिया को प्रशिक्षण दिया गया. नगर भवन में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन एडीएम, डीडीसी रामेश्वर सिंह, सिविल सजर्न डॉ एमपी शर्मा, श्रमाधीक्षक पूनम कुमारी व मुखिया संघ के अध्यक्ष निरंजन कुमार उर्फ पप्पू सिंह ने संयुक्त रूप से दीप जला कर किया. कार्यशाला की अध्यक्षता श्रमाधीक्षक पूनम कुमारी ने की संचालन बाल कल्याण समिति के राजीव नयन ने की.
मजदूरों को दिलायें लाभ
एडीएम ने बताया कि मुखिया अपनी दायित्वों को समङों व दुर्घटना में मजदूरों की मौत होने पर उनको मिलने वाले लाभ को दिलाने में मदद करें. उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत मजदूर असंगठित क्षेत्र में हैं.
डीडीसी ने कहा कि सरकार के मनरेगा में बाल श्रमिकों को काम करने से रोकें व उनके परिजनों को प्रेरित कर बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजने का काम करें. उन्होंने कहा कि मुखिया जी जब दृढ़ संकल्प लेकर काम करेंगे, तो जिले में एक भी बाल श्रमिक नहीं होंगे.
उन्होंने श्रम विभाग के प्रयास को सराहा और उसे सहयोग करने की अपील की. डीडीसी ने कहा कि श्रमाधीक्षक एक महिला पदाधिकारी होकर इस दिशा में जितनी मेहनत कर रही हैं, उसमें हम सबों को सहयोग करने की जरूरत है.
टीकाकरण में करें सहयोग
सिविल सजर्न ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन दिनों जेई टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है. इसमें मजदूरी रोकने का अभियान चलाने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य के प्रति भी ध्यान देने की जरूरत है.
ग्रामीण बच्चों को इसका टीकाकरण कराने में सहयोग करें. उन्होंने कहा कि यह एक जटिल बीमारी है, जिसमें बच्चों की मौत हो जाती है.
सिविल सजर्न ने सभी मुखिया को खास तौर से आग्रह किया कि अपने पंचायतों में एक से 15 साल तक के बच्चों को जेई का टीकाकरण हर हाल में करायें.
लोगों को करेंगे जागरूक
मुखिया संघ के अध्यक्ष निरंजन कुमार उर्फ पप्पू ने कहा कि यह एक बेहतर कार्यशाला है. इसमें सभी मुखियों को उपस्थिति होना चाहिए था. परंतु, प्रखंडों में पंचायत समिति की बैठक को लेकर संख्या थोड़ी कम है, लेकिन हम सभी मुखिया उन लोगों जागरूक कर बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करायेंगे और जेई टीकाकरण में भी भरपूर सहयोग करेंगे.
नेताओं की भूमिका अहम
अध्यक्षीय भाषण में श्रमाधीक्षक पूनम कुमारी ने कहा कि कार्यशाला का आयोजन श्रम संसाधन विभाग के निर्देशानुसार बाल श्रम उन्मूलन व विभिन्न अधिनियमों की जानकारी दिये जाने को लेकर किया गया है.
उन्होंने कहा कि इन दिनों बाल श्रम उन्मूलन सप्ताह चलाया जा रहा है, जिसमें जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम है. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि जिले के निचले स्तर तक के लोगों को समुचित लाभ मिल सके. उन्होंने विभिन्न अधिनियमों की भी जानकारी दी.
ये रहे मौजूद
मौके पर कुष्ठ उन्मूलन पदाधिकारी डॉ उमेश चंद्रा, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी वारिसलीगंज रेणु कुमारी, अकबरपुर के दीप कुमार, पकरीबरावां के प्रकाश चंद्र राय, हिसुआ के किशोरी रविदास, कौआकोल के अशोक कुमार सिन्हा, रजौली के प्रोशीला हेरो, अशोक कुमार पांडेय, वसीम उल हक, अनुराधा कुमारी, मुखिया राम बालक यादव, जितेंद्र कुमार, बच्ची देवी के प्रतिनिधि नरेश केवट, जमुआवां पटवासराय की मुखिया कुसुम देवी, गोनावां की मालती देवी सहित अन्य मुखिया शामिल थे.