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तीन-दो में हुआ सीटों का बंटवारा

तीन-दो में हुआ सीटों का बंटवारा रजौली, नवादा व गोविंदपुर में महागंठबंधन की जीतहिसुआ व वारिसलीगंज पर भाजपा का कब्जाप्रतिनिधि, नवादा कार्यालयजिले के पांचों विधानसभा सीटों के चुनावी नतीजे आ गये़ चुनाव परिणाम में महागंठबंधन ने तीन सीटों पर अपना कब्जा किया है. दो सीट एनडीए गंठबंधन के खाते में गयी है. जानकारी के अनुसार, […]

तीन-दो में हुआ सीटों का बंटवारा रजौली, नवादा व गोविंदपुर में महागंठबंधन की जीतहिसुआ व वारिसलीगंज पर भाजपा का कब्जाप्रतिनिधि, नवादा कार्यालयजिले के पांचों विधानसभा सीटों के चुनावी नतीजे आ गये़ चुनाव परिणाम में महागंठबंधन ने तीन सीटों पर अपना कब्जा किया है. दो सीट एनडीए गंठबंधन के खाते में गयी है. जानकारी के अनुसार, जिले की सुरक्षित रजौली सीट को राजद प्रत्याशी प्रकाश वीर ने भाजपा से छीन ली है. इन्होंने 4,556 वोटों से अपनी जीत दर्ज की. हिसुआ पर भाजपा प्रत्याशी अनिल सिंह ने अपना कब्जा बरकरार रखा. इन्होंने जदयू प्रत्याशी कौशल यादव को 12,245 वोटों से करारी शिकस्त दी है. नवादा सीट पर राजद प्रत्याशी राजवल्लभ प्रसाद के एक दशक बाद वापसी की़ हालांकि, इसके पहले भी यह सीट महागंठबंधन के जदयू प्रत्याशी के खाते में थी. इस बार राजवल्लभ प्रसाद ने रालोसपा प्रत्याशी इंद्रदेव कुशवाहा को 16,328 वोटों से हराया. गोविंदपुर में महागंठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी पूर्णिमा यादव ने एनडीए के भाजपा प्रत्याशी फुला देवी को 4,334 वोटों से हरा कर जीत दर्ज की़ वारिसलीगंज सीट पर काबिज जदयू प्रत्याशी प्रदीप कुमार को करारा झटका लगा है. यहां से भाजपा प्रत्याशी अरुणा देवी ने 19,518 वोटों से जीत दर्ज की है. अरुणा सबसे अधिक तो पूर्णिमा सबसे कम अंतर से जीतींवारिसलीगंज से भाजपा प्रत्याशी अरुणा देवी को कुल 85, 832 वोट प्राप्त मिले हैं. यहां जदयू के प्रदीप कुमार ने 66,314 वोट लाया है. इस तरह अरुणा देवी ने 19,518 वोटों से अपनी जीत दर्ज करा कर जिले में सबसे अधिक मतों के अंतर से जीतने वाली प्रत्याशी बनी हैं. इसी तरह गोविंदपुर से कांग्रेस प्रत्याशी पूर्णिमा यादव को 42,905 वोट व भाजपा की फूला देवी को 38,571 वोट मिले हैं. यहां पूर्णिमा यादव अपनी जीत के अंतर को 4334 वोटों से दर्ज की हैं. यह जीत के अंतर का जिले में न्यूनतम आंकड़ा है. पत्नी ने बचायी खानदानी लाजपिछले तीन चुनावों से कौशल यादव अपनी पत्नी के साथ नवादा व गोविंदपुर सीट पर चुनाव जीतते आये थे. इस बार इन्हें गहरा झटका लगा है. महागंठबंधन में सीटों के लेन-देन में पहले इन्हें नवादा से टिकट गंवानी पड़ी. इन्हें हिसुआ से जदयू का प्रत्याशी बनाया गया, जहां भाजपा प्रत्याशी से इन्हें हार का सामना करना पड़ा है. दूसरी तरफ गंठबंधन ने गोविंदपुर सीट कांग्रेस के खाते में डालते हुए इनकी पत्नी पूर्णिमा यादव को यहां से चुनाव लड़ाया. पूर्णिमा की विजय हुई और इनकी खानदानी लाज बच गयी. गौरतलब है कि कौशल यादव की माता गायत्री देवी व इनके पिता युगल किशोर यादव भी पूर्व में गोविंदपुर से विधायक चुने जाते रहे हैं. इस बार बहू के रूप में पूर्णिमा यादव गोविंदपुर से विधायक निर्वाचित हुई हैं. यह सीट निरंतर इस परिवार के कब्जे में ही रहा है और यह सिलसिला जारी है. जदयू ने गंवायीं, राजद ने हथियायी सीटें महागंठबंधन में टिकट बंटवारे में नवादा व रजौली की सीट राजद के खाते में गयी. दोनों ही सीटों पर इनके प्रत्याशियों को जीत मिली है. इस तरह से एक बार फिर से राजद ने जिले के राजनीति में जोरदार वापसी की है. इधर, टिकट बंटवारे में हिसुआ व वारिसलीगंज की सीट जदयू के खाते में गयी थी. दोनों ही सीटों पर पार्टी को झटका लगा है. दोनों जगहों पर इन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा है. एक दशक बाद कांग्रेस की वापसीजिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में कभी कांग्रेस का बड़ा जनाधार रहा था. सभी सीटों पर कांग्रेस व इसके समर्थित प्रत्याशी चुनाव जीतते रहे थे. हिसुआ से आदित्य सिंह व गोविंदपुर से गायत्री देवी की हार के बाद जिले में कांग्रेस की राजनीति हासिये पर आ गयी थी. हालांकि, कौशल यादव मूल रूप से कांग्रेसी कल्चर के ही नेता माने जाते हैं. एक बार फिर कांग्रेस ने इनकी लाज रखी है और इनके राजनीतिक घराने में पार्टी की पुनर्वापसी हुई है.

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