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मगही संवाद का हुआ लोकार्पण

मगही संवाद का हुआ लोकार्पण मगही के प्रसार के लिए काम कर रहा है बिहार मगही मंडपमगही कविओं ने काव्य पाठकर लोगों को प्रभावित कियामगही को आठवीं सूची में शामिल करने के लिए 14 दिसंबर को दिल्ली के जंतर मंतर में होगा धरनाफोटो- 6नवादा (नगर). मगही भाषा को प्रचारित प्रसारित करने के उद्देश्य से बिहार […]

मगही संवाद का हुआ लोकार्पण मगही के प्रसार के लिए काम कर रहा है बिहार मगही मंडपमगही कविओं ने काव्य पाठकर लोगों को प्रभावित कियामगही को आठवीं सूची में शामिल करने के लिए 14 दिसंबर को दिल्ली के जंतर मंतर में होगा धरनाफोटो- 6नवादा (नगर). मगही भाषा को प्रचारित प्रसारित करने के उद्देश्य से बिहार मगही मंडप सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है. मगही को आठवीं अनुसूची में शामिल कराना हमारी पहली प्राथमिकता है. उक्त बातें मगही साहित्यकार रामरतन प्रसाद सिंह रत्नाकर ने मगही संवाद पत्रिका का विमोचन कार्यक्रम में कहीं. उन्होंने कहा कि मगही मंडप वारा देश भर में मगही को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है. संस्था द्वारा अब तक 110 से अधिक कार्यक्रम देशभर में किये गये हैं. त्रैमासिक पत्रिका मगही संवाद का 27 वां अंक शनिवार को प्रकाशित किया गया. वरीय नागरिक संघ कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में संघ के अध्यक्ष डॉ एसएन शर्मा, मगही साहित्यकार राम रतन प्रसाद सिंह रत्नाकर, दया शंकर शर्मा बेधड़क, नरेंद्र प्रसाद सिंह, वीणा मिश्रा ने संयुक्त रूप से मगही संवाद पत्रिका का लोकार्पण किया. पत्रिका के संपादक श्री रत्नाकर ने कहा कि मगही का प्रसार बढ़ा है. बिहार के तीन विश्वविद्यालयों में मगही की पढ़ाई पीजी तक करायी जा रही है. मगही अब भाव का विषय नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला विषय बना है. मगही को सम्मान दिलाने के लिए इसे आठवीं अनुसूचित में शामिल करने को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर 14 दिसंबर को धरना दिया जायेगा. इसकी तैयारी हो रही है. मगही संवाद पत्रिका की विशेषता को बताते हुए उन्होंने कहा कि पत्रिका में मगही के साहित्यकारों व कविओं द्वारा ऐसी कैसी रचनाओं को समाहित किया गया है, जो राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान रखती है. पत्रिका में समन्वय कारी हिंदुत्व शीर्षक लेख में हिंदुत्व की विशेष व्याख्या मिलती है. इसके अलावा बिरहा, गीत, कविता, कहानी आदि को भी पत्रिका में स्थान दिया गया है. मगही संवाद पत्रिका लोकार्पण कार्यक्रम में मगही कविओं द्वारा कविता पाठ भी किया गया. कवि दया शंकर शर्मा बेधड़क की कविता ‘अजी तू जो चुनाव में खड़ा हो जयता हल, तो थोड़े दिन में ही बड़ा हो जयता हल’ तथा कवि नरेंद्र प्रसाद सिंह की कविता ‘चला काटे ला धान, मुंहवा पर लागे अगहनी मुस्कान’ जैसी कविताओं ने उपस्थित लोगों को प्रभावित किया. कार्यक्रम में डॉ एसएन शर्मा, जयराम देवशपुरी, रामशरण सिंह, प्रो संजय कुमार, राजेश मंझवेकर सहित कई लोग उपस्थित थे.

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