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बिजली ने ली जान, राह रोक कर दूसरों को किया परेशान
मुआवजे के लिए हिसुआ-सिरदला पथ पर जुटे गांववाले बिजली बोर्ड के खिलाफ मानवाधिकार आयोग जाने का फैसला प्रशासनिक पहले पर तीन घंटे के बाद सड़क पर आवागमन हुआ चालू नरहट : बिजली के करेंट के शिकार हुए छोटन रविदास के शव के साथ हजारों ग्रामीणों ने मंगलवार को हिसुआ-सिरदला पथ पर नरहट के चांदनी चौक […]
मुआवजे के लिए हिसुआ-सिरदला पथ पर जुटे गांववाले
बिजली बोर्ड के खिलाफ मानवाधिकार आयोग जाने का फैसला
प्रशासनिक पहले पर तीन घंटे के बाद सड़क पर आवागमन हुआ चालू
नरहट : बिजली के करेंट के शिकार हुए छोटन रविदास के शव के साथ हजारों ग्रामीणों ने मंगलवार को हिसुआ-सिरदला पथ पर नरहट के चांदनी चौक को जाम कर हंगामा किया. प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने गांववालों को समझा-बुझा कर सड़क से हटाने का प्रयास किया. काफी मशक्कत के बाद उन्हें इसमें सफलता मिल गयी.
उल्लेखनीय है कि सोमवार की शाम नरहट थाना क्षेत्र के खनवां गांव में छत की ढलाई के दौरान सड़क पर लटक रहे 11 हजार वोल्ट के बिजली तार की चपेट में आ जाने से चांदनी चौक निवासी 22 वर्षीय छोटन रविदास की जान चली गयी थी. वह सर्जन रविदास का पुत्र था. देर रात पोस्टमार्टम के लिए शव को नरहट लाया गया. मंगलवार की सुबह ही छोटन के परिजन व ग्रामीणों ने शव के साथ चांदनी चौक को जाम कर दिया. गांववालों के आंदोलन के कारण सड़क पर तीन घंटे तक आवागमन पूरी तरह ठप रहा. घटना की सूचना पाकर समाजसेवी मसीहउद्दीन ने मौके पर पहुंच कर मृतक के परिजनों से बात की. रजौली अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी उपेंद्र कुमार यादव से मुलाकात कर जाम हटवाने का आग्रह किया. अंचल अधिकारी महेश प्रसाद सिंह ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वह तत्काल पारिवारिक लाभ योजना से 20 हजार रुपये का भुगतान करेंगे. इसके बाद अकुशल कामगारों को श्रम विभाग से अनुमान्य एक लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए अनुशंसा करने का आश्वासन दिया.
मसीहउद्दीन ने आक्रोशित ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि बिजली तार के ढीला रहने के कारण यह मौत हुई है. इसके लिए बिजली बोर्ड जिम्मेदार है. बिजली बोर्ड से मृतक के नि:शक्त आश्रित को 10 लाख रुपये मुआवजा दिलाने को लेकर वह मानवाधिकार आयोग जायेंगे. इस आश्वासन पर जाम हटाया गया. इसके बाद आवागमन सुचारू हो सका.
मसीह ने कहा कि बिजली बोर्ड की लापरवाही के कारण थाना क्षेत्र के छोटा शेखपुरा ग्राम निवासी मनोज देवगर की भी मौत हो गयी थी. मनोज के बाद छोटन रविदास की जान चली जाने से इलाके के लोगों में गुस्सा है. छोटन की मौत से मात्र 11 दिन पूर्व छोटन को एक बच्ची हुई थी. उसका चेहरा भी छोटन नहीं देख पाया था.
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