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ट्रेनों में सीट नहीं मिलने से त्योहार की खुशी फीकी
एक ही काउंटर रहने से टिकट लेनेवालों की मची रहती है होड़ लाइन में ट्रेवल एजेंट के दलाल भी सक्रिय हर दिन 300 टिकटों की हो रही बिक्री नवादा नगर : फेस्टिवल सीजन का असर रेल सेवा पर पड़ रहा है. बड़े शहरों से गांव लौटने की चाहत में लोग टिकट के लिए भटकते दिख […]
एक ही काउंटर रहने से टिकट लेनेवालों की मची रहती है होड़
लाइन में ट्रेवल एजेंट के दलाल भी सक्रिय
हर दिन 300 टिकटों की हो रही बिक्री
नवादा नगर : फेस्टिवल सीजन का असर रेल सेवा पर पड़ रहा है. बड़े शहरों से गांव लौटने की चाहत में लोग टिकट के लिए भटकते दिख रहे हैं. रेलवे स्टेशन पर बने रिजर्वेशन काउंटर पर टिकट के लिए लोगों की भीड़ देखने को मिल जाती है.
रेल टिकट बनवाने के लिए बनाये गये रिजर्वेशन काउंटर दो शिफ्टों में काम करता है. पहले शिफ्ट में सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक तथा बाद में ढ़ाई बजे से रात आठ बजे तक काउंटर खुला रहता है. काउंटर पर खासकर तत्काल टिकट कटाने के समय सबसे अधिक भीड़ दिखती है. दशहरा व मुहर्रम का त्योहार एक साथ होने के कारण अपने परिजनों तक आने जाने के लिए लोग टिकट काउंटर पर दिख रहे हैं.
सभी रूटों पर जानेवाली ट्रेनों में दिक्कत
अधिकतर ट्रेनों में रिजर्वेशन सीट नहीं होने की समस्या बनी हुई है. अपने बेटे के यहां दशहरा में दिल्ली जाने के लिए लाइन में खड़ी सुषमा सिन्हा ने कहा कि रिजर्वेशन के लिए काफी समस्या हो रही है. बेटे ने कहा है कि टिकट नहीं मिल रहा है. अगर, तत्काल में किसी दिन टिकट मिल जाती है, तो काउंटर पर ही प्रयास कर लो. टिकट के लिए परेशान हो रहे हैं.
कुछ इसी तरह की समस्या विभिन्न रूटों की गाड़ियों में दिख रही हैं. फेस्टिवल सीजन होने के कारण किसी भी रूट की गाड़ियों में अगले कई दिनों के लिए टिकट नहीं मिल पाती है.रिजर्वेशन काउंटर पर टिकट की मारामारी में स्थानीय ट्रेवल एजेंटों की भी भूमिका अहम दिखती है. खासकर तत्काल टिकट के लिए पहले से ही एजेंट लाइन में कब्जा जमाये रहते हैं. नवादा स्टेशन की बात करें, तो यहां भी इस प्रकार की घटना आम दिखती है. हालांकि टिकट क्लर्क इससे इंकार करते हुए लाइन में लगे व्यक्ति को टिकट देने की बात कहते हैं.
लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिल रहे टिकट
टिकट काउंटर की कमी रेलवे स्टेशन पर परेशानी का कारण बनती है. दो शिफ्टों में संचालित होनेवाले बुकिंग काउंटर को यदि बढ़ाया जाये, तो स्थानीय लोगों को और अधिक लाभ मिल पायेगा. प्रतिदिन सीजन के अनुसार ढ़ाई से तीन सौ टिकट की बुकिंग होती है.
ट्रेन में सीट की उपलब्धता नहीं होने या अन्य कारणों से लाइन में घंटों रहने के बाद भी टिकट नहीं मिलने पर कुछ लोगों को काउंटर से हटना पड़ता है. यदि पूछताछ के लिए एक अतिरिक्त काउंटर बना दिया जाये, तो टिकट कटाने से संबंधित जानकारियों को प्राप्त करने में आसानी होती. पिछले दो ढ़ाई साल पहले जीआरपी के द्वारा एक एजेंट को पकड़ा गया था. बावजूद टिकट काउंटर पर गड़बड़ी का माहौल बना है.
रेलवे के नियमों के अनुसार टिकट काउंटर काम कर रहा है. काउंटर बढ़ाने के लिए लिखा गया है. अधिकारियों को स्थानीयस्तर पर होनेवाली समस्या के बारे में जानकारी दी जाती है.
आईडी चौधरी, स्टेशन मास्टर
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