अरियरी : कृषि विज्ञान केंद्र में दूसरा विश्व मृदा दिवस मनाया गया. इस मौके पर समन्वयक डॉक्टर शंभू राय की अध्यक्षता में मनाया गया.कार्यक्रम का उद्घाटन बिशेष अतिथि सबौर के अधिष्ठाता डॉक्टर आर पी शर्मा ने दीप जला कर किया. मौके पर अतिथियों ने कहा की जिले कि कृषि के लिए मिट्टी खतरनाक अवस्था में आ गयी है.
उर्वरक के इस्तेमाल से खेतों की उर्वरा शक्ति समाप्त हो रही है. खेतों में पोटाश की कमी को दूर करने के लिए पुआल और मूंग के हरे ताने खेतों में सडानी चाहिए.उन्होंने खा की खेतो में पुआल जलाने से पर्यावरण और खेत के लिए बेह्तर उर्वरक का सीधा नुकसान हो रहा है.खेतो में पुआल छीट कर जीरो टिलेज से जुताई करनी चाहिए ताकि खेत की मिट्टी में पुआल मिलकर पोटास की कमी को दूर कर सके .समन्वयक ने मृदा दिवस के मौके पर मिट्टी के बारे में अहम् जानकारी दी.
मिट्टी के दोहन से कैसे बचा जाय और किस तरह मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाने के तौर तरीकों की पूरी जानकारी दिया गया.मृदा विभाग धर्मेन्द्र कुमार पाण्डे ने बताया कि हमने दो सौ पच्चास किसानों को स्वाल हेल्थ कार्ड मुख्य अतिथि के द्वारा वीरान किया गया..इस कार्ड के तहत मिटी कि पूरी जानकारी व् मिटी के गुण,अबगुन के बारे में जानकारी भी दी गयी.डॉक्टर शम्भु राय ने इस कृषि केंद्र से किसानों को अनेक प्रकार का बीज,मत्स्य पालन ,बकरी पालन का ट्रेनिग वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा दिया..इस मौके पर हलसी से आए डॉक्टर आरपी शर्मा,कृषि विज्ञान केंद्र समन्वयक डॉ. सम्भु राय, मृदा बैज्ञनिक धर्मेन्द्र नाथ पाण्डे, नवीन कुमार,पशू बैज्ञनिक विध्या शंकर सिन्हा,संगीता कुमारी,संजीत कुमार समेत दर्जनों किसान मौजूद थे.