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जीवन के आखिरी सफर में तब्दील हो गयी तीर्थयात्रा

सरमेरा (बिहारशरीफ) : प्रखंड के सिंघौल गांव निवासी रामाकांत त्रिवेदी एक सप्ताह पहले तीर्थाटन के लिए उज्जैन गये थे लेकिन लौट कर घर नहीं आ सके. रविवार की सुबह खबर मिली की इंदौर-पटना ट्रेन हादसे में रामाकांत की मौत हो गयी. इस खबर के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. जैसे ही लोगों को ये […]

सरमेरा (बिहारशरीफ) : प्रखंड के सिंघौल गांव निवासी रामाकांत त्रिवेदी एक सप्ताह पहले तीर्थाटन के लिए उज्जैन गये थे लेकिन लौट कर घर नहीं आ सके. रविवार की सुबह खबर मिली की इंदौर-पटना ट्रेन हादसे में रामाकांत की मौत हो गयी. इस खबर के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. जैसे ही लोगों को ये पता चला पूरे गांव में मातम पसर गया. लोग एक-दूसरे से ट्रेन हादसे के बारे में जानकारी लेने लगे. ट्रेन हादसे की खबर के बाद से रामाकांत के घर में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है.

घर से लेकर गांव वाले लोगों की जुबान पर एक ही बात की यह क्या हो गया. ट्रेन हादसे की खबर से लोग काफी सदमे में हैं. सिंघौल निवासी रामाकांत त्रिवेदी अपनी पत्नी पुष्पा देवी को 13 नवंबर को यह कहकर घर से निकले थे कि बरबीघा के डॉ. भुवनेश्वर के साथ उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर तीर्थ के लिए जा रहे हैं. रामाकांत की चार संतानें हैं. पुत्रों में शिवेन्द्र त्रिवेदी, संतन त्रिवेदी व नंदन त्रिवेदी हैं, जबकि एक पुत्री मधुप्रिया कुमारी हैं. मधुप्रिया ने बताया कि शनिवार को पिताजी से ट्रेन पर चढ़ने से पहले फोन पर बात हुई थी. बाद में फोन करने पर कॉल रिसीव करने वाला खुद को डॉक्टर बताया और कहा कि पोस्टमार्टम हाउस से बोल रहा हूं. इसके बाद से उनका फोन बंद बता रहा है. उनके बड़े पुत्र शिवेन्द्र त्रिवेदी अपने चाचा के राधाकांत त्रिवेदी के साथ पटना घटना की जानकारी लेने को गये हैं.

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