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एक सेविका संभाल रही दो केंद्रों की कमान

योजनाओं का बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ बिहारशरीफ : नौनिहालों को जीवनस्तर में सुधार लाने तथा बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास की नींव डालने के उद्देश्य से समेकित बाल विकास की योजना के तहत जिले के सभी प्रखंडों में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं. लेकिन बिंद प्रखंड परियोजना द्वारा संचालित आंगनबाड़ी […]

योजनाओं का बच्चों को नहीं मिल रहा लाभ

बिहारशरीफ : नौनिहालों को जीवनस्तर में सुधार लाने तथा बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास की नींव डालने के उद्देश्य से समेकित बाल विकास की योजना के तहत जिले के सभी प्रखंडों में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किये जा रहे हैं. लेकिन बिंद प्रखंड परियोजना द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र अपने उद्देश्य की पूर्ति करने में विफल साबित हो रहा है. प्रखंड के अधिकतर केंद्रों पर पांच से दस बच्चे ही देखने को मिल रहे हैं. सबसे खस्ता हाल ननौर आंगनबाड़ी केंद्र का है. यहां पर बच्चों की उपस्थित दहाई भी नहीं पहुंचती है.
परंतु संचालक बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की जाती है. केंद्र पर पढ़ने वाले बच्चों को पूरक पोषाहार,गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को टीएचआर दिये जाने का प्रावधान है. इसके लिए सरकार केंद्रों के संचालन को प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च कर रही है. केंद्रों के सफल संचालन के लिए पर्यवेक्षक से लेकर सीडीपीओ तक तैनात किये गये हैं.
संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने की जवाबदेही इन केन्द्रों को है. लेकिन बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने की बजाय सेविका खुद अपनी सेहत में सुधार ला रही है.
केंद्रों पर नामांकित बच्चों को पूरक पोषाहार के साथ-साथ स्कूल ड्रेस के लिए विभाग की ओर से राशि दी जाती है. केंद्रों पर अधिकतर बच्चे ड्रेस में नहीं दिखते हैं.एक सेविका दो केंद्रों का रही संचालन. इस तरह एक समय अवधि में दो केंद्रों का संचालन कैसे संभव हो सकेगा, यह सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है.
बिन्द में एेसा कुछ नजारा इन दिनों देखने को मिल रहा है. दोनों पोषक क्षेत्र के बच्चे जहां शिक्षा के साथ-साथ पोषाहार से वंचित हो रहे हैं. वहीं दोनों पोषक क्षेत्रों की गर्भवती व शिशुवती महिलाएं भी टीचआर से वंचित हो रहे हैं. जबकि सेविका दोनों केंद्रों की राशि उठा रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
बच्चों की कम उपस्थिति व पोषक क्षेत्र में केंद्र संचालन नहीं होना गंभीर बात है. एक सेविका द्वारा दो केंद्रों के संचालन के मामले की जांच करायी जायेगी. जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जायेगी.
गायत्री कुमारी, डीपीओ, आइसीडीएस ,नालंदा

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