राजगीर (नालंदा) : बाल संरक्षण विषय पर मंगलवार को प्रखंड कार्यालय राजगीर में एक कार्यषाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए नालंदा बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक नेहा नूपुर ने कहा कि बाल मजदूरी एक अभिशाप है. यह समाज के विकास में एक बहुत बड़ा बाधक है. इसे सामजिक जागरूकता से ही खत्म किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि पंचायत के जनप्रतिनिधि अगर ठान लें, तो बाल मजदूरी को जड़ से मिटाया जा सकता है क्योंकि ज्यादातर बाल मजदूर ग्रामीण क्षेत्रों से ही होते हैं. आज बाल मजदूरों को दिल्ली, जयपुर, चेनई, लखनऊ आदि स्थानों पर चूड़ी, लहठी, बिस्किट आदि कारखानों में काम कराने के लिए बड़े पैमाने पर बाल मजदूरों का तस्करी किये जाने की सूचना अक्सर मिलती रहती है. इसके लिए बाजाब्ता गांवों में एजेंट छोड़े जाते हैं. जो उनके माता–पिता को बहला-
फुसला कर उसे बाल मजदूरी के लिए अन्य प्रदेश ले जाते हैं. समय–समय पर ऐसे एजेंटों पर कार्रवाई भी होती रहती है. उन्होंने कहा कि अगर पंचायतों के मुखिया सरपंच, वार्ड आयुक्त आदि चाहे, तो बाल मजदूरी को आसानी से रोका जा सकता है. उन्होंने बाल श्रमिकों तक सरकार की योजनाओं को सुगमतापूर्वक पहुंचाने तथा बाल मजदूरों को शिक्षित व उनके अभिभावकों को जागरूक करने को कहा. इस अवसर पर बीडीओ आनंद मोहन, कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत राजगीर मो बुलंद अख्तर सहित अन्य उपस्थित थे.