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मुहिम. दूषित पानी की जांच करेगी चलंत जल जांच प्रयोगशाला प्रत्येक प्रखंड के गांवों में घुम-घुम कर पेयजल की करेगा जांच 19 अगस्त तक चलेगा जल जांच का अभियान बिहारशरीफ : कहा गया है कि जल ही जीवन है. मनुष्य ही नहीं जल का उपयोग सभी सजीव प्राणियों के लिए जरूरी है. पेड़-पौधे व वनस्पति […]

मुहिम. दूषित पानी की जांच करेगी चलंत जल जांच प्रयोगशाला

प्रत्येक प्रखंड के गांवों में घुम-घुम कर पेयजल की करेगा जांच
19 अगस्त तक चलेगा जल जांच का अभियान
बिहारशरीफ : कहा गया है कि जल ही जीवन है. मनुष्य ही नहीं जल का उपयोग सभी सजीव प्राणियों के लिए जरूरी है. पेड़-पौधे व वनस्पति जगत के साथ ही कृषि फसलों की सिंचाई के लिए भी पानी आवश्यक है. शरीर में पानी की कमी से हमें प्यास महसूस होती है. पीने का पानी शुद्ध व साफ होना हमारी सेहत के लिए जरूरी है. शुद्ध और साफ जल का मतलब मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक अशुद्धियों एवं रोग पैदा करने वाले जीवाणुओं से मुक्त होना चाहिए. रोगाणु, जहरीले पदार्थ,अनावश्यक मात्रा में लवण से युक्त पानी अनेक रोगों को जन्म देता है.
खास कर बरसात के दिनों में पीने के पानी की शुद्धता पर विशेष ध्यान रखना जरूरी है. बरसात के दिनों में बारिश की बूंदें जितनी मनोरम लगती है,उतना ही नुकसानदेह हो सकता है. बरसात के दिनों में पानी से पनपने वाली बीमारियों में इजाफा देखा गया है. यह मौसम अपने साथ बहुत सारी बीमारियां भी लाता है. बरसात के मौसम में तापमान में बार-बार बदलाव और उमस के कारण बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं. इस कारण पाचन क्रिया ठीक नहीं रहती. इंफेक्शन,एलर्जी , सर्दी , जुकाम, डायरिया,फ्लू,वायरल जैसी बीमारियां पनपती है. यह आम धारणा है कि भूजल स्वाभाविक रूप से नदियों, तालाबों और नहरों का पानी पीने से अधिक सुरक्षित है. मगर भूजल का आर्सेनिक व फ्लोराइड की मात्रा दूषित बना देता है.
रूट चार्ट तैयार :
यह चलंत जल जांच प्रयोगशाला कब, किस रूट में जायेगा इसका चार्ट तैयार किया गया है. इस रूट चार्ट में यह व्यवस्था की गयी है कि प्रत्येक प्रखंड की पेयजलापूर्ति योजना व रास्ते में पड़ने वाले चापाकलों के पानी की शुद्धता की परख कर ली जाय.
जांच रिपोर्ट विभाग को :
चलंत जल जांच प्रयोगशाला अपनी-अपनी जांच रिपोर्ट पीइएचइडी के स्थानीय कार्यालय के अलावा मुख्यालय को देगा. इस जांच रिपोर्ट के आधार पर विभाग की भविष्य की योजनाओं को क्रियान्वित किया जायेगा.
इसके अतिरिक्त विषैले तत्व भी पानी के माध्यम से हमारे शरीर में पहुंच कर स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं. इन तत्वों में कैडियम, लेड, मरकरी, निकल, सिल्वर,आर्सेनिक आदि. जल में लोहा,मैगनीज,कैल्शियम,बेरियम,क्रोमियम,कॉपर, सीलियम, यूरेनियम, बोरॉन, कार्बोनेट, फ्लोरीन भी होते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
”बरसात के दिनों में पेयजल के दूषित होने की ज्यादा शिकायतें मिलती है. दूषित पेयजल के सेवन से अनेक तरह की बीमारियां पैदा हो जाती है. इस बात को ध्यान में रख कर चलंत जल जांच प्रयोगशाला शुरू की गयी है. चलंत प्रयोगशाला 19 अगस्त तक जिले में घूम-घूम कर पेयजल की जांच करेगा और विभाग को रिपोर्ट देगा.”
राजेश प्रसाद सिन्हा, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी, नालंदा

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