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जिले में बने 202 पोखर

पहल. खेत पोखरी से गांवों में आयेगी खुशहाली बिहारीशरीफ : जिले में वर्षा जल के प्रासंगिकता को पहचानने व उसके संग्रहण को व्यापक स्तर पर फैलाने के लिए अथक प्रयास रंग लाने लगा है. जल संचय के पांच प्रोजेक्टों पर किया गया काम अब धरातल पर दिखायी देने लगा है़ प्रोजेक्ट के तहत जल संचय […]

पहल. खेत पोखरी से गांवों में आयेगी खुशहाली

बिहारीशरीफ : जिले में वर्षा जल के प्रासंगिकता को पहचानने व उसके संग्रहण को व्यापक स्तर पर फैलाने के लिए अथक प्रयास रंग लाने लगा है. जल संचय के पांच प्रोजेक्टों पर किया गया काम अब धरातल पर दिखायी देने लगा है़ प्रोजेक्ट के तहत जल संचय के लिए जिले के विभिन्न गांवों व टोलों में अब तक 202 खेत पोखरी का निर्माण किया गया है. मॉनसून की बारिश के साथ ही खेत पोखरी में जल संचय दिखने लगा है. योजना चरितार्थ होने से लोगों का विश्वास व उत्साह दिखते ही बनता है. मनरेगा के तहत जिले के 202 किसानों की निजी जमीन पर खुदाई कर पोखरी का निर्माण किया गया है.
ग्रामीण विकास इकाइ द्वारा नि:शुल्क पोखरी का निर्माण कराया गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत 1249 पोखरी का निर्माण करने की योजना है. इसमें से अब तक 202 पोखरी का निर्माण पूरा हो गया है. शेष पोखरी पर निर्माण कार्य बरसात के बाद शुरू कर दी जायेगी.
15 लाख 46 हजार जल संचय की क्षमता
बनाये गये प्रोजेक्ट खेत पोखरी में 15 लाख 46 हजार लीटर जल संचय करने की क्षमता है. जहां बरसात में वर्षा के जल को गांव टोला स्तर संग्रह होने से लोगों की खुशहाली आने लगा है. पोखरी में पानी जमा होने से ग्रामीण तो खुश है साथ ही वातारण ही रमणीय हो गया है.
बहुपयोगी साबित हो रही योजना
प्रोजेक्ट खेत पोखरी किसानों के लिए बहुपयोगी साबित हो रही है. खेतों में पटवन करना सहज हो गया है. साथ ही, पोखरी में मछली का जीरा देकर मत्स्य पालन करने के लिए किसान सोच रहे हैं. मछली पालन के लिए मनरेगा के द्वारा किसानों को मत्स्य विभाग से संपर्क कराकर ट्रेनिंग से लेकर जीरा दिलाने की भी पहल की जा रही है. पोखरी में पानी जमा रहने से आस-पास में वाटर लेयर बरकरार रखने में कारगर साबित होगा.
महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा
इस प्रोजेक्ट के तहत जिले में महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दिया गया हैं. योजना के तहत 71हजार 870 मानव दिवस का सृजन किया गया है. मानव दिवस सृजित करने में जॉब कार्डधारी 38 फीसदी महिलाओं को काम कराया दिया है.
कर्मियों के सहयोग से मिली सफलता
इस ड्रीम प्रोजेक्ट के सूत्रधार डीडीसी कुंदन कुमार है. जिस पर नवंबर 2015 से काम कर रहे हैं. प्राजेक्ट को अमलीजामा देने के काम मे डीआरडीए के एई,सदर पीओ जोड़ तोड़ से काम कर रहे हैं. इसके साथ ही जिले के सभी पीओ, पीआरएस,जेइ भी लगन से काम रहे हैं. खास बात यह है कि डीडीसी योजना की स्वयं मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं.
प्रखंड लक्ष्य काम पूरा
अस्थावां 95 05
बेन 45 15
बिहारशरीफ 100 13
चंडी 35 09
एकंगरसराय 90 18
गिरियक 50 15
हरनौत 85 07
हिलसा 75 13
इस्लामपुर 100 12
कतरीसराय 35 02
नगरनौसा 45 18
परबलपुर 30 04
रहुई 80 08
राजगीर 45 23
सरमेरा 45 10
क्या कहते हैं अधिकारी
परंपरागत जल स्त्रोत सूख रहे हैं. इसके कारण जलस्तर में गरमी के दिनों में काफी नीचे चला जाता है. जलस्तर को बरकरार रखने के लिए प्रोजेक्ट जलसंचय के तहत खेत में पोखरी का निर्माण कराया जा रहा है. पहले में योजना के तहत पोखरी में 15लाख 46 हजार लीटर पानी को संग्रहित करने में सफलता मिली है.
कुंदन कुमार,डीडीसी नालंदा

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