खुशखबरी . शहरों की तरह गांवों में बुनियादी सुविधा होंगी बहाल
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बिहारशरीफ, रहुई व नूरसराय के 37 गांवों का होगा विकास
खुशखबरी . शहरों की तरह गांवों में बुनियादी सुविधा होंगी बहाल लोगों की 12 दावा आपत्तियां को नगर निगम ने किया निरस्त बिहारशरीफ शहर का क्षेत्रफल 58.23 किलोमीटर का होगा बिहारशरीफ के विकास का रास्ता साफ हो गया है. इसके तहत चयनित गांवों का नक्शा तैयार कर उसका विकास किया जायेगा. इसके तहत आसपास के […]
लोगों की 12 दावा आपत्तियां को नगर निगम ने किया निरस्त
बिहारशरीफ शहर का क्षेत्रफल 58.23 किलोमीटर का होगा
बिहारशरीफ के विकास का रास्ता साफ हो गया है. इसके तहत चयनित गांवों का नक्शा तैयार कर उसका विकास किया जायेगा. इसके तहत आसपास के गांवों में शहरों की तरह ही बुनियादी सुविधाएं बहाल की जायेंगी़ इससे उनका जीवन स्तर और बेहतर हो जायेगा.
बिहारशरीफ : बिहारशरीफ आयोजना क्षेत्र बनने का रास्ता साफ हो गया है. नगर निगम द्वारा दावा आपत्तियों का निबटारा कर जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है. शहरी विकास व आवास बोर्ड द्वारा जिले के दो क्षेत्रों राजगीर व बिहारशरीफ आयोजना क्षेत्र गठन करने का निर्णय लिया गया था. हालांकि राजगीर आयोजना क्षेत्र को सरकार द्वारा पहले ही मिल चुका है. जिले के बिहारशरीफ, रहुई व नूरसराय के 47 राजस्वों को मिलाकर बिहारशरीफ आयोजना क्षेत्र का गठन करने का निर्णय शहरी आवास बोर्ड द्वारा लिया गया था.
उक्त प्रखंड क्षेत्रों के गांवों को आयोजन क्षेत्र में शामिल करने के बाद उक्त क्षेत्रे के लोगों से दावा आपत्ति लिया गया था. दावा आपत्ति को निबटारा करने का अधिकार बिहारशरीफ नगर निगम को दिया गया था. कुल 12 दावा आपत्तियां लोगों ने दर्ज करायी थीं, जिसे नगर निगम ने निरस्त कर दिया है.
आयोजना क्षेत्र की यह है चौहदी:
उत्तरी भाग में रहुई के इमादपुर सिकंदरपुर, देेकपुरा, मोरा तालाब, मुशेपुर से होते हुए नूरसराय के इब्राहिमपुर लोहरी, डोइया, दक्षिणी भाग में पूर्व में बिहारशरीफ प्रखंड क्षेत्र के रोजेवदार आलम, कमरपुर, पहाड़पुरा, कोसुक से होते हुए लखरावा और पचाड़ी तक, पूरब में बिहारशरीफ के बसमनबिगहा, बरियापुर, कल्याणपुर के क्षेत्र तक व पश्चिम में नूरसराय के ककहरा, मंडाछ, होते हुए बियाबानी और मधड़ा तक आयोजना क्षेत्र का नक्शा. वहीं बिहारशरीफ के 19 राजस्व गांव, रहुई के 11 राजस्व गांव व नूरसराय के सात राजस्व गांव शामिल हैं.
इस क्षेत्र का होगा सर्वांगीण विकास: आयोजना प्राधिकर बनने से क्षेत्र के विकास के लिए स्पेशल प्लान बनाया जायेगा. सरकार की सोच है कि पर्यटन स्थल से जुड़े क्षेत्रों का विकास शहरों के अनुसार हो. साथ ही शहरी बुनियादी सुविधाएं भी बहाल की जायें. प्राधिकार द्वारा जल्द ही विकास की रूपरेखा बनायी जायेगी.
दावा आपत्ति के बाद दी गयी अनुमति: शहरी विकास व आवास बोर्ड द्वारा बिहारशरीफ आयोजना प्राधिकार बनाने की पहल की गयी है. बोर्ड द्वारा नगर निगम द्वारा इसके बारे में विस्तार से रिपोर्ट मांगी गयी थी. इसके बाद नगर निगम का क्षेत्र का प्रस्ताव दिये जाने के बाद विभाग द्वारा उक्त क्षेत्र के लोगों से दावा आपत्ति की मांग की गयी थी. दावा आपत्तियों का निबटारा किये जाने के बाद जिला प्रशासन द्वारा प्रस्ताव को सरकार के पास भेज दिया जायेगा.
नगर निगम ने दावा आपत्ति का निबटारा कर प्रशासन को भेजा प्रस्ताव
क्या है आयोजना क्षेत्र
गांवों में शहरों की तरह बुनियादी सुविधा बहाल करने व उसका व्यापक विकास करने के लिए नगर विकास व आवास बोर्ड द्वारा शहरी आयोजना विकास प्राधिकार का गठन करने का निर्णय गया है. इसके तहत चयनित गांवों का नक्शा तैयार कर उसका विकास किया जायेगा.
आयोजना क्षेत्र को शहरों की तरह विकास किया जायेगा. साथ ही सभी तरह की बुनियादी सुविधाएं बहाल की जायेंगी. बिहारशरीफ आयोजना क्षेत्र का क्षेत्रफल 58.23 किलोमीटर का होगा, जिसमें बिहारशरीफ प्रखंड क्षेत्र, रहुुई, नूरसराय के भू-भाग को शामिल किया गया है. इस आयोजना क्षेत्र में 37.91 किलोमीटर ग्रामीण क्षेत्र व शेष 20.32 किलोमीटर शहरी क्षेत्रफल होगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
बिहारशरीफ आयोजना क्षेत्र से संबंधित दावा आपत्ति नगर निगम को भेजा गया था. दावा आपत्ति को निरस्त कर प्रस्ताव को पुन: जिला प्रशासन को वापस कर दिया गया है. जिलाधिकारी से अनुमोदन मिलने के बाद इसे नगर विकास विभाग को भेजा जायेगा.
रामबाबू, वरीय डिप्टी कलेक्टर, नालंदा
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