कानून हुआ जन हितार्थ: मुख्य न्यायाधीश
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विधिक सेवा सदन का किया गया उद्घाटन, मामलों का होगा निबटारा
कानून हुआ जन हितार्थ: मुख्य न्यायाधीश तेजाब हमले की पीड़िता को मिली राशि बिहारशरीफ : विधिक सेवा प्राधिकार के विधिक सेवा सदन प्रतिष्ठापन कार्यक्रम के दौरान तेजाब हमले से दोनों आंख गंवाने वाली पीड़िता अश्विनी प्रवीण व आरजू तमन्ना पीड़ितों को विधिक व आर्थिक सहायता के तहत एक्टिंग चीफ जस्टिस के द्वारा एक लाख रुपये […]
तेजाब हमले की पीड़िता को मिली राशि
बिहारशरीफ : विधिक सेवा प्राधिकार के विधिक सेवा सदन प्रतिष्ठापन कार्यक्रम के दौरान तेजाब हमले से दोनों आंख गंवाने वाली पीड़िता अश्विनी प्रवीण व आरजू तमन्ना पीड़ितों को विधिक व आर्थिक सहायता के तहत एक्टिंग चीफ जस्टिस के द्वारा एक लाख रुपये की चेक राहत राशि दी गयी. विधिक सेवा प्राधिकार पीड़ितों,लाचारों, दिव्यांगों को विधिक व आर्थिक सहायता का प्रावधान है. पीड़िता नवादा जिले के सोनसिहारी ग्रामवसासी है. उसके पैदा होने के पूर्व ही उसमें पिता की मृत्यु हो गयी थी. अन्य परिवार वालों ने उसका वाजिब हक भी नहीं दिया.
वह अपने मां नजा खातून की एकमात्र संतान है. जैसे-तैसे उसकी शादी बिहारशरीफ के पक्की तालाब मोहल्ले में मो. फैयाज उर्फ लंबू ड्राइवर के संग दिसंबर 2004 में हुई थी. जिससे पीडि़ता को दो लड़का व एक लड़की के रूप में तीन छोटे-छोटे संतान भी है. पीडि़ता का कहना है कि केस दर्ज हुआ था पर आरोपी खुलेआम घुम रहे हैं. एक भी दिन न तो जेल गया और न ही खप्तर ली. एक भले ग्रामीण मो. सोहैल अहमद मदद के तौर पर यहां तक पीड़िता को लाये हैं. पीड़िता को चेक प्रदान करने के बाद मुख्य न्यायाधीश भावुक होते हुए कहा कि यह अमानुषिक कार्य है. इस प्रकार में किसी के चेहरे व दृष्टि को छीन लेना का किसी को अधिकार नहीं है.
बिहारशरीफ : जिला न्यायालय परिसर में राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में हुए विधिक सेवा सदन का उद्घाटन एक्टिंग मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी ने किया. निरीक्षी न्यायाधीश शिवाजी पांडेय,विसेप्रा एक्जी चेयरमैन रमेश कुमार दत्ता, रजिस्ट्रार जेनरल विनोद कुमार सिन्हा तथा बालसा सदस्य ओम प्रकाश भी कार्यक्रम में सहभागी रहे. विधिक सेवा सदन के मुख्य दरवाजे पर फीता काट कर उद्घाटन एवं प्रतिष्ठापन के बाद सभी आये मुख्य न्यायाधीश सहित अन्य न्यायाधीशों ने महोगिनी का पौधा लगा कर वृक्षारोपण किया. इसके पश्चात स्टेज पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया. लोक अदालत गैर न्यायिक सदस्य सुरभि कुमारी तथा अधिवक्ता एसडीजेएम आरबीएस परमार तथा निर्देशन सचिव सह एसीजेएम आशुतोष कुमार ने किया.
मुख्य न्यायाधीश सहित सभी को एडीजे तथा अन्य न्यायिक पदाधिकारियों ने बुके प्रदान किया. कार्यक्रम में उपस्थित अधिवक्ताओं व जनों को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पूर्व में कानून जो राजा के द्वारा कहा जाता था वही होता था, जो जन नहीं बल्कि उनके हितार्थ था. आज कानून समय के साथ परिवर्तनशील है और स्थिति के अनुसार बदल कर जन हितार्थ हो चुका है. इस मौके पर चेयरमैन, सदस्य, निरीक्षी न्यायाधीश रमेश कुमार दत्ता, ओम प्रकाश, शिवाजी पांडेय ने अपने संबोधन में विधिक सेवा व लोक अदालत का अधिकाधिक उपयोग मामले के निबटारे के लिए करने की सलाह अधिवक्ताओं व लोगों को दी ताकि बड़े मामलों के निबटारे के लिए कोर्ट को अधिक समय मिले.
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