बिहारशरीफ : जिले में ठंड व कनकनी का असर मंगलवार को भी बना रहा. धूप तो निकलते हैं. मगर सर्द हवाओं के चलने से जनजीवन पर विपरीत असर पड़ रहा है.
ठंड व कनकनी से जीवन की रफ्तार भी ठहर सी गयी है. आलम यह है कि सुबह व शाम में ठंड व कनकनी का असर काफी तेज होता है. ठंड व कनकनी ऐसी है कि लोग आग तापने को मजबूर हो रहे हैं. खेती किसानी में लगे लोगों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है. खलिहाों में रखे गये धान के बोझे नम हो रहे हैं,
तो गेहूं की बोआई भी प्रभावित हो रही है.चाहे गांव की गलियां हो या फिर कस्बा, बाजार सभी जगह सन्नाटा पसरा हुआ है. सबसे बुरा हाल गरीबों का है. गरम कपड़े के अभाव में उहें रात काटा मुश्किल हो रहा है. बढ़ रही ठंड व कनकनी ने बच्चे, युवा व बुजुर्ग सभी को हिला कर रख दिया है.
बुजुर्गों की हालत तो यह है कि वे एक ही जगह बैठने के कारण ठंड से सिकुड़ते जा रहे हैं. मगर कनकनी से वहां भी चैन नहीं मिल पा रहा है. उनके लिए अलाव ही एक मात्र सहारा है. बुजुर्ग दिन भर अलाव के पास बैठक कर अपने शरीर को गरम करने में लगे रहते हैं.
अलाव की व्यवस्था के लिए जिले को मिली राशि
लोगों को ठंड से बचाने के लिए अलाव की व्यवस्था करने के लिए जिले को राशि उपलब्ध करायी गयी है. जिला आपदा प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि अलाव की व्यवस्था के लिए 50 हजार रुपये उपलब्ध कराये गये हैं. जिले के 20 प्रखंडों के लोगों को ठंड से इतनी कम राशि से बचाव कैसे होगा और अलाव की क्या व्यवस्था होगी. यह देखने वाली बात होगी.
रैनबसेरों में गरम कपड़े की व्यवस्था करने का आदेश:
शीतलहर व पाला से बचाव के उपाय के तहत जिला प्रशासन से नगर आयुक्त,नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी,नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है. इन अधिकारियों को भेज गये पत्र में कहा गया है कि दिसंबर माह की शुरुआत से ठंड प्रारंभ हो गयी है. साथ ही,शीतलहर शुरू हो गया है.
इससे शहरी,अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में बसे गरीब,नि:सहाय व आवासहीन व्यक्ति विशेष रूप से प्रभावित होते हैं. शीतलहर से प्रभावित होने वाले जनसामान्य,गरीब,नि:सहाय व्यक्तियों के बचाव व समुचित प्रबंध करना आवश्यक है. रैन बसेरा चिह्नित कर उसमें चादर कंबल, गद्दे आदि की व्यवस्था करने को कहा गया है. इसका व्यापक प्रचार प्रसार भी करने का निर्देश दिया गया है.
जिससे कि नि:सहाय लोग इन रैन बसेरों में शरण ले सकें. इसके अलावा अपने अपने क्षेत्रों में समुचित अलाव जलाने की व्यवस्था करे को कहा गया है. अलाव ऐसे स्थानों पर जलाये जाने का निर्देश दिया गया है, जहां अधिक से अधिक निर्धन एवं असहाय लोग निवास करते हैं या एकत्र होते हैं. अलाव के लिए चिह्नित स्थानों की सूचना का व्यापक प्रचार प्रसार किये जाने तथा कार्यों और व्यवस्था की निगरानी व अनुश्रवण भी करने का निर्देश दिया गया.
इन जगहों पर उपलब्ध होंगे गरम कपड़े: रैन बसेरा
यहां होगी अलाव की व्यवस्था: धर्मशाला,अस्पताल परिसर,रैन बसेरा,मुसाफिर खाना,रिक्शा या टमटम पड़ाव,चौराहा, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि.