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फर्जी शिक्षकों की जांच शुरू
बिहारशरीफ : पटना हाइकोर्ट के सख्त निर्देश पर सरकारी स्कूलों में बहाल शिक्षक – शिक्षिकाओं के प्रमाण पत्रों की जांच की आंच अब नालंदा में भी तेज हो गयी है. इसके लिए पटना से इंस्पेक्टर रैंक के पहुंचे विजिलेंस के दो अधिकारी यहां पिछले दो – तीन से लगातार कैंप किये हुए हैं. शिक्षकों की […]
बिहारशरीफ : पटना हाइकोर्ट के सख्त निर्देश पर सरकारी स्कूलों में बहाल शिक्षक – शिक्षिकाओं के प्रमाण पत्रों की जांच की आंच अब नालंदा में भी तेज हो गयी है. इसके लिए पटना से इंस्पेक्टर रैंक के पहुंचे विजिलेंस के दो अधिकारी यहां पिछले दो – तीन से लगातार कैंप किये हुए हैं. शिक्षकों की प्रमाणपत्रों की जांच के लिए स्थानीय सोगरा स्कूल को सेंटर बनाया गया है.
बताते चलें कि विगत वर्ष 2006 से लेकर अब तक हुई शिक्षकों की नियुक्ति के सभी कागजातों की जांच होनी है. ऐसा माना जा रहा है कि सत्तर हजार सरकारी शिक्षकों में करीब साठ फीसदी शिक्षक फर्जी डिग्री पर बहाल हो गये हैं. इधर, इस जांच के बाद जिले के विभिन्न स्कूलों में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों में हड़कंप मच गया है. कार्रवाई की जद में आने के भय से ऐसे फर्जी शिक्षकों की रातों की नींद एवं सुबह का चैन गायब हो रहा है. फिलहाल सोगरा स्कूल केंद्र में जिले के सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को उनके विद्यालय के प्रतिनिधि जमा करवा रहे हैं. यह सिलसिला पिछले दो-तीन दिनों से चल रहा है.
ऐसा माना जा रहा है कि शिक्षकों की बहाली में कई सफेदपोश लोगों की बहू- बेटियां व बेटे- दामाद भी बड़ी संख्या में शामिल हैं जो अपने हैसियत का भय मुखिया एवं बीइइओ को दिखाकर फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल हो गये थे. ऐसी स्थिति में जब शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच होगी तो कई सफेदपोशों के चेहरे बेनकाब हो जायेंगे. मजे की बात तो यह होगी कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद इन्हें जेल की हवा तक खानी पड़ सकती है.
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