बिहारशरीफ (नालंदा) : जिले में 417 करोड़ 35 रुपये की लागत से ग्रामीण विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है. इसके तहत बिजली की पहुंच से दूर रहे एवं पूर्व में बिजली की पहुंचवाले गांव व टोले, आंशिक रूप से बिजली की पहुंचवाले टोले को ऊर्जान्वित करने के अलावा कुछ नये पवार सब स्टेशनों का निर्माण करना एवं पावर सब स्टेशनों में पूर्व से लगे कम शक्ति के पावर ट्रांसफॉर्मरों को बदलना भी शामिल है. इस परियोजना का कार्य नागपुर की कंपनी मेसर्स एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को सौंपा गया है. इसके तहत जिले के 2690 टोले को ऊर्जान्वित करना है तथा 3.27 लाख बीपीएल परिवारों के घरों में बिजली पहुंचाने का है. परियोजना को शुरू हुए करीब एक वर्ष सात महीने हो चुके हैं, मगर अब तक केवल 160 टोले को ही ऊर्जान्वित किया गया है, जबकि 18 हजार बीपीएल परिवारों के घरों में बिजली पहुंचायी जा सकी है. परियोजना का कार्य पूरा करने के लिए निर्धारित अवधि दिसंबर, 2015 में समाप्त हो रही है. ऐसे में लक्ष्य को समय पर पूरा करना असंभव प्रतीत हो रहा है.
खल रही श्रमिकों की कमी
जिले में परियोजना का कार्य एक तो विलंब से शुरू हुआ, ऊपर से कार्य के लिए श्रमिकों की कमी से कार्य में बाधा आ रही है. परियोजना के पर्यवेक्षक कार्य में पर्याप्त संख्या में कर्मी लगे है, मगर श्रमिकों की संख्या कम रहने से परेशानी आ रही है.
चार पावर सब स्टेशनों का निर्माण
जिले में कुल छह नये पावर सब स्टेशनों का निर्माण किया जाना है. इनमें नगरनौसा, नूरसराय, बेन व एकंगरसराय में पावर सब स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. बिहारशरीफ पावर सब स्टेशन के लिए अब तक जमीन उपलब्ध नहीं हो पायी है, जबकि करायपरशुराय पावर सब स्टेशन के लिए ग्राउंड लेवर सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है.
तेतरावां पंचायत में नहीं शुरू हुआ विद्युतीकरण कार्य
ग्रामीण विद्युतीकरण का कार्य बिहारशरीफ प्रखंड की तेतरावां पंचायत में अब तक शुरू नहीं होने से क्षेत्र के लोगों में नाराजगी है. इस संबंध में पूर्व एमएलसी रामचंद्र प्रसाद व राजेश कुमार सिंह ने विधान परिषद में भी मामले को उठाया था. इसके बाद भी कार्य शुरू नहीं होने से लोगों में नाराजगी देखी जा रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी
‘‘जिले में ग्रामीण विद्युतीकरण का कार्य काफी विलंब से शुरू होने के कारण निर्धारित लक्ष्य को समय पर पूरा करने में परेशानी हो रही है. इसके अलावा लेवर की समस्या के कारण परेशानी बढ़ी हुई है. योजना के पर्यवेक्षण कार्य के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मी तैनात हैं, पर श्रमिकों का घोर अभाव बना हुआ है. एजेंसी एसएमएस इन्फ्रास्ट्रक्चर को कार्य में तेजी जाने का निर्देश कई बार दिया जा चुका है, मगर स्थिति जस-की-तस है.’’
जीएन प्रसाद, कार्यपालक अभियंता, परियोजना