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नये लुक में दिखेगा नालंदा कॉलेज
बिहारशरीफ : नालंदा कॉलेज बहुत जल्द नये लुक में दिखेगा. साथ ही,यहां शीघ्र लोग कैमरे की नजर में रहेंगे. कॉलेज को नैक की मान्यता दिलाने को लेकर यह सारी कवायद की जा रही है. कॉलेज को नया लुक देने का काम शुरू हो गया है. फिलहाल कॉलेज के भवनों का रंगरोगन किया जा रहा है. […]
बिहारशरीफ : नालंदा कॉलेज बहुत जल्द नये लुक में दिखेगा. साथ ही,यहां शीघ्र लोग कैमरे की नजर में रहेंगे. कॉलेज को नैक की मान्यता दिलाने को लेकर यह सारी कवायद की जा रही है. कॉलेज को नया लुक देने का काम शुरू हो गया है. फिलहाल कॉलेज के भवनों का रंगरोगन किया जा रहा है. 1870 में स्थापित नालंदा कॉलेज की एक अपनी गरिमा है.
मगध विश्वविद्यालय के सबसे प्राचीन अंगीभूत कॉलेज होने के नाते इस कॉलेज के विकास के लिए राज्य सरकार से लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राशि मुहैया करा रही है. कॉलेज को नया लुक देने के लिए सबसे पहले अमरनाथ हॉस्टल के जीर्ण-शीर्ण कमरों को ध्वस्त कर उस स्थान पर अमरनाथ मैनेजमेंट भवन का निर्माण होगा,उसे पूरी तरह से कॉरपोरेट का लुक दिया जायेगा.
इस भवन में सभी मैनेजमेंट विषयों की पढ़ायी होगी. इस अमरनाथ मैनेजमेंट भवन पर साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इस राशि को यूजीसी,कॉलेज मद और राज्य सरकार वहन करेगी. इस भवन का निर्माण कार्य आगामी 15 अप्रैल के बाद से शुरू हो जायेगा. इस कॉलेज के 34 वें प्रधानाचार्य के रूप में जब से प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ सच्चिदानंद सिह ने कार्यभार संभाला है तब से कॉलेज के चहुंमुखी विकास पर विशेष कार्य किया जा रहा है.
पांच लाख रुपये की लागत से नये मनोविज्ञान भवन का निर्माण, 26 लाख की लागत से बैंक, पोस्टऑफिस का निर्माण, करीब नौ लाख रुपये की लागत से आर्ट्स ब्लॉक से लेकर बीएससी गली तक का जीर्णोद्धार, छात्राओं के लिए ढ़ाई लाख रुपये की लागत से गल्र्स कॉमन रूप का जीर्णोद्धार, छह लाख की लागत से वनस्पति विभाग का जीर्णोद्धार,कॉलेज में नाली और शौचालय का निर्माण कार्य जारी है. इसके अलावा इस कॉलेज में तीन लाख रुपये की लागत से मास्क लाइट लगाया गया है. जिले के अंगीभूत कॉलेजों में यह पहला कॉलेज है जहां मास्क लाइट लगाया गया है.
शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के लिए शैक्षणिक सिस्टम को आधुनिकीकरण किया गया है. ई-लाइब्रेरी का कार्य प्रगति पर है. प्रयोगशालाओं को सुसज्जित किया गया है. स्मार्ट क्लासेज और कार्यालय का ऑटोमोशन किया जा चुका है. नालंदा कॉलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ सिंह और यहां के बर्सर प्रो रमेश कुमार सिन्हा के संयुक्त प्रयास से कॉलेज की गौरव गरिमा को पुन: स्थापित किया जा रहा है. नालंदा कॉलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ सिंह ने बताया कि कॉलेज को नैक के लिए स्वीकृति मिल चुकी है. इसी को ध्यान में रख कर ही नैक के मापदंड के अनुसार कॉलेज को सुसज्जित किया जा रहा है और संभवत: उम्मीद है कि छह माह के अंदर कॉलेज नैक के मापदंड के अनुकूल हो जायेगा और इसके बाद कॉलेज को नैक की मान्यता मिलने का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा.
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