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जिले में स्वाइन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य महकमा हुआ अलर्ट

बिहारशरीफ : देश के कई राज्यों में स्वाइन फ्लू के बढ़ते कहर एवं इसके खतरे को भांप जिले का स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह अलर्ट हो गया है. हालांकि जिले में इस रोग से प्रभावित कोई केसेज तो प्रकाश में नहीं आये हैं, लेकिन एहतियात के तौर पर इस बीमारी की रोकथाम के लिए जिला स्वास्थ्य […]

बिहारशरीफ : देश के कई राज्यों में स्वाइन फ्लू के बढ़ते कहर एवं इसके खतरे को भांप जिले का स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह अलर्ट हो गया है. हालांकि जिले में इस रोग से प्रभावित कोई केसेज तो प्रकाश में नहीं आये हैं, लेकिन एहतियात के तौर पर इस बीमारी की रोकथाम के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक करने में जुट गया है.
सिविल सर्जन डॉ आजाद हिंद प्रसाद ने बताया कि स्वाइन फ्लू एक जानलेवा बीमारी है. इसलिए इस बीमारी को जिलेवासी हल्के में न लें और अगर किसी व्यक्ति में इस रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखे तो तत्काल नजदीकी सरकारी अस्पताल पहुंच चिकित्सक से संपर्क करें.
स्वाइन फ्लू व एचवन- एनवन :
यह एक वायरस रोग है. स्वाइन फ्लू एवं एचवन – एनवन बीमारी में थोड़ा- बहुत ही अंतर है. इसलिए इन दोनों के प्रारंभिक लक्षण करीब- करीब एक जैसे ही हैं. ऐसे में प्रभावित व्यक्ति का आवश्यक लैब जांच कर ही यह कह पाना संभव हो पाता है कि वह स्वाइन फ्लू या फिर एचवन- एनवन बीमारी से ग्रसित है.
नहीं बरतें लापरवाही :
जब किसी व्यक्ति को तेज उल्टी हो, लूज मोशन हो, तेज बुखार हो जाय और वह दवा के उपयोग के बावजूद भी ठीक न हो तो ऐसे स्थिति में बगैर समय गंवाये अपने क्षेत्र के नजदीकी सरकारी अस्पतालों में इलाज करायें.
इन आयु वर्ग के लोग ज्यादा प्रभावित
इस बीमारी से पांच साल से छोटे बच्चे एवं 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं. स्वाइन फ्लू के खतरे से गर्भवती महिलाएं भी महफूज नहीं हैं.
बचाव के लिए इन बातों का रखें ख्याल :
-छिंकने एवं खांसते समय नाक- मुंह पर सूखे रूमाल या तौलियां रखें.
– बाहर से घर पहुंचने पर हाथ- मुंह को अच्छी तरह धोकर सूखा लें.
– यथासंभव भीड़भाड़ जगह से बचने या फिर यहां रूकने का प्रयास न करें.
– हाथ मिलाने या गला मिलने से बचें.
– थूक एवं बलगम को सार्वजनिक जगहों पर न फेंके.
– पानी पीने में कंजूसी न बरतें.
– घर में थूक या बलगम फेंकने के लिए थूकदान का उपयोग करें.
– थूकदान में जमा बलगम या थूक को खोदे गड्ढ़े में ही निष्पादन करें.
दवाओं का करें कम उपयोग :
स्वाइन फ्लू के प्रारंभिक लक्षणों के दिखने पर दवाओं का उपयोग नहीं करें.
अगर बहुत तेज बुखार हो तब पारासीटामोल टेबलेट को ले सकते हैं. एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से परहेज करना चाहिए. सदर अस्पताल में इस बीमारी के इलाज के लिए दो प्रकार की दवाएं उपलब्ध है.
01. पोसेलटामिभिर 02. जेनामिभिर.

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