21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

स्कूल में छह वर्षो में भी नहीं शुरू हुई इंटर की पढ़ाई

बिहारशरीफ/परबलपुर :जिले के दर्जनों विद्यालयों को इंटरमीडिएट का दर्जा प्राप्त होने के बावजूद विभागीय लापरवाही के कारण यहां इंटरमीडिएट की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है. इसका सबसे बड़ा खामियाजा जिले की छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है. ऊपर से नारी शिक्षा को बढ़ावा देने सहित नारी सशक्तीकरण के सरकारी दावे को इससे जबरदस्त झटका […]

बिहारशरीफ/परबलपुर :जिले के दर्जनों विद्यालयों को इंटरमीडिएट का दर्जा प्राप्त होने के बावजूद विभागीय लापरवाही के कारण यहां इंटरमीडिएट की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है. इसका सबसे बड़ा खामियाजा जिले की छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है.
ऊपर से नारी शिक्षा को बढ़ावा देने सहित नारी सशक्तीकरण के सरकारी दावे को इससे जबरदस्त झटका लग रहा है. परबलपुर प्रखंड के श्री शंकर +2 उच्च विद्यालय पिलिच सरकार तथा विभाग के सारे दावे की पोल खोल रही है. विद्यालय को लगभग छह वर्ष पूर्व इंटरमीडिएट विद्यालय का दर्जा मिलने से क्षेत्रीय लोगों में जहां उच्च शिक्षा की उम्मीदें बढ़ी थी. वहीं इंटरमीडिएट का आधा-अधूरा बना भवन अब उनको मुंह चिढ़ा रहा है. विभाग द्वारा इंटरमीडिएट विद्यालय के लिए आज तक एक शिक्षक की भी नियुक्ति नहीं की गयी गयी है.
विद्यालय के छात्र राहुल कुमार ने बताया कि हर वर्ष उन्हें सुनने को आता है कि अब यहां इंटरमीडिएट की पढ़ाई शुरू होगी, लेकिन विद्यार्थी मैट्रिक पास कर अन्यत्र चले जाते हैं. यह विद्यालय वैसे का वैसा ही बना रह जाता है. छात्रों की इंटरमीडिएट की पढ़ाई की उम्मीद टूटते जा रही है.
विद्यालय के छात्र विजय कुमार ने बताया कि विद्यालय का छात्र विजय कुमार ने बताया कि यहां इंटरमीडिएट की पढ़ाई शुरू होने से आसपास के गांवों अलावां, तारा बीघा,रूदा,भासिंगपुर,दाउदपुर,जोगिया,करन बीघा, मउआ, बंगपुर आदि के सैकड़ों छात्रों का भविष्य संवर सकता था. आज नतीजा यह है कि इन गांवों के बड़ी संख्या में छात्र-छात्रएं मैट्रिक उत्तीर्ण होने के बाद पढ़ाई छोड़ कर दूसरे कार्यो में लग जाते हैं. विशेष रूप से लड़कियों की पढ़ाई तो समाप्त ही मान ली जाती है.
माध्यमिक में सात शिक्षकों के भरोसे 432 विद्यार्थियों का भविष्य
विद्यालय के माध्यमिक कक्षाओं के लिए यहां 12 शिक्षकों का पद पूर्व से स्वीकृत है, लेकिन वर्तमान में मात्र 7 नियोजित शिक्षकों के बल पर विद्यालयों में नामांकित 432 छात्रों का भविष्य संवारा जा रहा है. विद्यालय में प्रमुख विषयों हिंदी, संस्कृत, गणित,उर्दू,कंप्यूटर के साथ-साथ खेल शिक्षकों का अभाव है. ऐसे में विद्यालय के नामांकित छात्रों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए ट्यूशन तथा कोचिंग संस्थानों पर निर्भर होना पड़ रहा है. कई छात्रों ने बताया कि यदि विद्यालय में शिक्षक उपलब्ध होते तो छात्रों को अलग से ट्यूशन फी का खर्च नहीं करना पड़ता. विद्यालय में कमरे,फर्नीचर के साथ-साथ खेल के मैदान तथा उपस्कर का भी अभाव है. कमरों की कमी से विद्यालय में पुस्तकालय की व्यवस्था भी नहीं की गयी है. ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षा विभाग कम से कम माध्यमिक विद्यालय को दुरुस्त कर दे ताकि उनके बच्चे ठीक से मैट्रिक तक की पढ़ाई पूरी कर ले.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें