बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के प्रथम त्वरित न्यायाधीश रामप्रताप अस्थाना ने साक्ष्य सही पाते हुए पति समेत विचारणोपरांत सास-ससुर, भैंसुर व ननद को कैद की सजा दी. जिसमें पति रितेश कुमार को भादस की धारा 304 बी एवं 498 ए का दोषी करार करते हुए दस वर्ष व तीन वर्ष कारावास के साथ एक हजार रुपये जुर्माना जिसे अदा न करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास की सजा दी. वहीं ससुर व सास सुरेंद्र मोहन तथा चिंता देवी व भैंसुर व ननद राकेश कुमार एवं रीता देवी को धारा 498 ए का दोषी करार करते हुए तीन-तीन वर्ष के कारावास के साथ-साथ एक-एक हजार रुपये जुर्माना, जिसे अदा नहीं करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास की सजा दी.
सभी आरोपित दीपनगर थाना क्षेत्र के गरीब पर गांव निवासी हैं. अभियोजन पक्ष से एपीपी अजय कुमार रस्तोगी ने बहस की थी. पीड़िता माया देवी के पिता सह मामले के सूचक हिलसा थाना क्षेत्र के काजी बाजार के नीमतर निवासी देवनंद प्रसाद के फर्द बयान पर दीपनगर में आरोप दर्ज किया गया था, जिसके अनुसार मृतका माया देवी की शादी 2005 में रितेश कुमार के साथ हुई थी तथा गौना फाल्गुन 2006 में सारे सामान के साथ हुआ था, लेकिन आरोपितों ने 50 हजार रुपया नकद की मांग की.
मांग पूर्ति नहीं होने पर सभी मिल कर प्रताड़ित करने लगे और 17 दिसंबर 07 को हत्या की नीयत से मृतका के शरीर में आग लगा दी. उपचार के लिए पटना रेफर किया, लेकिन उसकी मौत हो गयी. मामले के विचारण के दौरान आठ साक्षियों का परीक्षण किया गया था.