मुजफ्फरपुर. एमआइटी के स्टार्टअप सेल की ओर से आइपीआर (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें एक्सपर्ट के रूप में एडवोकेट कुणाल ठाकुर शामिल हुए. कार्यशाला में छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. छात्र-छात्राओं को आइपीआर की बारीकियों के बारे में जानकारी दी गयी. बताया गया कि स्टार्टअप या बिजनेस शुरू करने से पहले आइपीआर, कॉपीराइट व ट्रेडमार्क लेना बेहद जरूरी है. स्टूडेंट्स को पूर्व में आइपीआर की जानकारी नहीं होने की स्थिति में हुई कार्रवाई की जानकारी दी गयी. ऑनलाइन मोड में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. स्टार्टअप सेल की फैकल्टी इंचार्ज ने वोट ऑफ थैंक्स के साथ कार्यक्रम का समापन किया. विशेषज्ञ ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार (आइपीआर) एक महत्वपूर्ण कानूनी तंत्र है. यह व्यक्तियों और कंपनियों के विचारों, आविष्कारों, डिजाइनों और अन्य रचनात्मक कार्यों को संरक्षण प्रदान करता है. यह अधिकार नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देते के साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि उनके प्रयासों का अनुचित लाभ कोई अन्य व्यक्ति या संगठन न उठा सके. बताया कि पेटेंट नए आविष्कारों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है. पेटेंट धारक को अपने आविष्कार का एक निश्चित अवधि तक एकाधिकार मिलता है. इससे वे अपने आविष्कार से आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकता है. ——————-
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है