मुजफ्फरपुर : विद्रोह व मानवता के कवि हैं श्यामनंदन किशोर. डाॅ किशोर ने हिंदी विभाग को एक परिवार के रूप में संवारने का सार्थक प्रयास किया. कवि किशोर महामानव थे. उन्होंने व्यक्तिगत साधना के साथ अपने परिवार को ऊंचाई प्रदान की. ये बातें डॉ रेवती रमण ने कहीं. वे सृजन-संगोष्ठी भाग सात की अध्यक्षता कर रहे थे. डॉ धीरेंद्र प्रसाद राय ने ‘नैसर्गिक काव्य प्रतिभा के अमर कवि डॉ श्यामनंदन किशोर’ विषय पर आलेख पाठ किया. बीज वक्तव्य डॉ त्रिविक्रम नारायण सिंह ने दिया.
उन्होंने कहा कि प्राध्यापक में विश्लेषण और अन्वेषण दोनों कौशल होता है. डॉ रवींद्र उपाध्याय ने कहा कि कविता में मानवता की सुगंध के कवि-गीतकार थे डॉ किशोर. संगोष्ठी को डॉ पूनम सिन्हा, डॉ सतीश कुमार राय, डॉ हरिनारायण ठाकुर आदि ने संबोधित किया. इस दौरान पद्मश्री डॉ श्यामनंदन किशोर के साहित्य क्रम पर विभाग की ओर से एक पुस्तक प्रकाशित करने का भी निर्णय लिया गया. संगोष्ठी का संयोजन डॉ कल्याण कुमार झा ने किया. इसमें पूर्व राज्य सभा सांसद डाॅ कुमकुम राय, डॉ ललित किशोर समेत कई अन्य लोग मौजूद थे.