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िनगम क्षेत्र में 25 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित, आम मतदाता कैसे जानेंगे अपने प्रत्याशी की योग्यता

महिलाओं को काम के लिए स्वतंत्र मौका दें, अन्यथा आरक्षण से क्या फायदा मुजफ्फरपुर : नगर निगम सरकार के गठन में 50 फीसदी से ज्यादा आबादी महिलाओं की रहेगी. 49 पार्षदों में 25 पार्षद महिलाएं होंगी. लेकिन, इनमें से स्वतंत्र रूप से काम करने की आजादी किन्हें मिलेगी, यह देखना होगा? क्योंकि नगर निगम चुनाव […]

महिलाओं को काम के लिए स्वतंत्र मौका दें, अन्यथा आरक्षण से क्या फायदा

मुजफ्फरपुर : नगर निगम सरकार के गठन में 50 फीसदी से ज्यादा आबादी महिलाओं की रहेगी. 49 पार्षदों में 25 पार्षद महिलाएं होंगी. लेकिन, इनमें से स्वतंत्र रूप से काम करने की आजादी किन्हें मिलेगी, यह देखना होगा? क्योंकि नगर निगम चुनाव के बाद 10 वर्ष इसका साफ गवाही दे रहा है. नगर निगम बोर्ड की बैठक हो या सशक्त स्थायी समिति की बैठक महिला पार्षदों की जगह उनके पति या पुत्रों का बोलबाला रहा है. अगर महिला पार्षद बैठक में मौजूद भी रही हैं, तो परदे के पीछे से पुरुषों ने काम किया है.
मेयर का पद भी इस बात से अछूता नहीं रहा है. लेकिन, प्रभात खबर ने इस मुद्दे पर मतदाताओं की राय जानने की कोशिश की, उन्होंने महिला पार्षदों की जगह पुरुषों के काम करने का साफ विरोध किया. शहर की महिलाएं व पुरुषों ने एक स्वर में कहा, महिलाओं को काम करने का पूरा मौका दें, अन्यथा आरक्षण देने से क्या फायदा है? महिलाओं को जनता चुनती है, तो उन्हें अधिकार व कर्तव्यों के निर्वहन का मौका देना चाहिए.
जो पुरुष महिला प्रत्याशी के बदले काम कर रहे हैं वह गलत है. महिलाओं को अपने ऊपर भरोसा करनी चाहिए. महिला के पास इतनी क्षमता होती है कि वह कोई भी काम कर सकती है. लेकिन पुरुष उनके अधिकार व कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा बनते हैं. यह महिलाओं के अधिकारों का हनन है. -नीतू कुमारी
महिला पार्षद की जगह चुनाव में पुरुषों का काम करना लोकतंत्र के हित में नहीं है. पुरुष महिलाओं को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करें. उन्हें काम करने की आजादी दें. न कि महिलाओं बदले उनके पति व पुत्र अधिकार का प्रयोग करें. वोटर जिन्हें चुने, काम वही करें तो ज्यादा अच्छा है. -संगीता कुमारी
अगर महिला चुनाव में खड़ी होती हैं, तो प्रत्याशी पति व उनके पुत्रों से निवेदन है कि उनकी योग्यता के अनुसार उन्हें काम करने की छूट दें. उन्हें अपनी जवाबदेही पूरी करने देनी चाहिए. काम करने की आजादी मिलेगी, तभी महिलाओं को दायित्व बोध होगा.
रेखा रानी
शहर के लोगों से कहना है कि महिला को आगे बढ़ चढ़ कर स्वतंत्र रूप से काम करने देना चाहिए. ताकि महिलाओं का आत्म विश्वास बढ़ सके. उन्हें काम करने व कराने की आदत लगे. इससे वार्ड की अन्य महिलाओं को भी सीखने का मौका मिलेगा. पुरुषों को महिलाओं के अधिकार पर कैंची चलाने की जरूरत नहीं है.-राम नंदन महतो
महिलाओं को सशक्त करने की मुहिम की चर्चा वर्षों से हो रही है. इसी के तहत महिलाओं की भागीदारी स्थानीय वार्ड पार्षद स्तर पर 50 फीसदी कर दी गयी. लेकिन दुर्भाग्य है कि महिला पार्षदों की कमान उनके पति संभालते हैं, जो अनुचित है. इससे महिलाएं सशक्त नहीं होगी. -सतीश कुमार
किसी वार्ड में महिला प्रत्याशी की जीत होती है, तो पुरुष उनके बदले काम करते हैं. और महिला को घर की चहारदीवारी से बाहर नहीं होने देते हैं. यह बिल्कुल गलत है. यह उनके विधि सम्मत अधिकारों में सीधे कटौती का मामला है.-राम जीवन मंडल
अभी नगर निगम क्षेत्र में चुनाव का माहौल है. महिला सशक्तिकरण का समय है. महिला वार्ड पार्षद के साथ पति का नाम जुड़ा रहता है. जो सही नहीं है. हमें महिलाओं का आगे बढ़ाना है. सरकार ने महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से किया है. लेकिन, इस उद्देश्य में उनके पति व पुत्र बाधा बनते हैं.-राजीवेंद्र किशोर
महिला प्रत्याशी चुनाव जीत तो जाती है. लेकिन काम उनके बदले उनका पति या पुत्र किया करता है. असली पावर का उपयोग वहीं करता है. किसी भी वार्ड में काम करने या कराने के लिए पुरुष ही आगे बढ़ता है. यह मतदाताओं के साथ अन्याय है. वोटर ने जिन्हें वोट दिया है, काम उन्हीं को करने की जरूरत है.
मुन्ना कुमार
वार्ड पार्षद के चुनाव में महिला प्रत्याशी चुनाव में आती है. जीतने के बाद महिला खुद क्षेत्र में काम करने के लिए नहीं आती है. काम करने के लिए उनका पति व पुत्र सामने आता है. यह गलत है. इसलिए सीट को महिलाओं के लिए आरक्षित करने की कोई जरूरत नहीं है. नियम के उल्लंघन से बचने की जरूरत है.
-संजय गुप्ता
महिलाओं को अगर कोई पद मिलता है, तो उन्हें खुद जागरूक होकर और महिलाओं को जागरूक करना चाहिए. ताकि हर क्षेत्र में महिलाएं अपने उपस्थिति दर्ज करा सके. जब तक महिलाओं को असल में अधिकार नहीं मिलेगा, समाज का भला नहीं हो सकता है. सीटों को आरक्षित करने का फायदा नहीं हो सकता है. -सुधा सिंह

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