मुजफ्फरपुर: देश में बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए सरकार की ओर से कई प्रयास भी हो रहे हैं. टेस्ट ट्यूब हॉर्टिकल्चर इसी पहल का एक हिस्सा है. यह बातें राज्य सरकार के कृषि सलाहकार डॉ मंगला राय ने कही. वे मंगलवार सैप संपोषित व बॉटनी विभाग के तत्वावधान में सीनेट हॉल में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.
विषय था, जेनरेटिक इंप्रूवमेंट इन हॉर्टिकल्चर क्रॉप्स. उन्होंने कहा, इन दिनों टेस्ट टय़ूब हॉर्टिकल्चर से उत्पादित फल व सब्जियों की मांग काफी बढ़ गयी है. इसका कारण उत्पाद की गुणवत्ता व प्रचुरता है. टेस्ट टय़ूब हॉटिकल्चर से उत्पादित अंगूर व टमाटर के छिलके काफी पतले व उसके रस अधिक मात्र में पाया जाता है. ऐसे में क्रमश: शराब कंपनियां व टमाटर की चटनी बनाने वाली कंपनी इसे हाथों-हाथ लेती है.
विवि में कृषि केंद्र के लिए पहल शुरू : अध्यक्षता करते हुए बीआरए बिहार
विवि के कुलपति डॉ पंडित पलांडे ने कहा, बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है. ऐसे में कृषि संबंधित शिक्षा यहां की जरूरत है. इसे देखते हुए विवि में कृषि विज्ञान केंद्र खोलने की योजना तैयार की गयी है. इसके लिए केंद्र सरकार से वार्ता भी शुरू हो चुकी है. यदि इसे मंजूरी मिलती है तो उसके तहत विवि में प्रोसेसिंग यूनिट भी खोले जायेंगे. मौके पर प्रतिकुलपति डॉ नीलिमा सिंह ने भी अपने विचार रखे. वहीं बॉटनी विभाग में सैप के संयोजक डॉ संतोष कुमार ने विभाग में चल रहे सैप कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति से लोगों को अवगत कराया. स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति प्रसाद व मंच संचालन डॉ एलके शुक्ला ने किया. मौके पर विवि अधिकारी व विभिन्न विभागों के शिक्षकगण मौजूद थे.