मुजफ्फरपुर : गरमी का प्रकोप तेज होते ही चमकी-बुखार का दौर शुरू हो गया है. ऐसे मरीज अब अस्पतालों में भरती किये जा रहे हैं. हालांकि डॉक्टर अभी ऐसे पीड़ितों में एक्यूट इंसेफ्लाइिटस सिंड्रोम की पुष्टि नहीं कर रहे हैं. केजरीवाल अस्पताल में ऐसे दो बच्चों का इलाज चल रहा है. दोनों बच्चे शनिवार को भरती किये गये.
साहेबगंज के माधोपुर की तीन वर्षीया अन्नू कुमारी व सरैया के विजासपुर के पांच महीने की बच्ची छोटी का इलाज चल रहा है. दोनों के चमकी-बुखार से पीड़ित होने पर अभिभावकों ने यहां भरती कराया था. हालांकि, एइएस के लक्षणवाले मरीजों के आने से बीमारी का कहर जल्द होने की आशंका बढ़ गयी है, जबकि स्वास्थ्य विभाग अभी तक तैयारी के लिए बैठक में ही जुटा है. जमीनी स्तर पर विभाग मरीजों के इलाज के लिए तैयार नहीं है.
सदर अस्पताल में नहीं खुला एइएस वार्ड. सदर अस्पताल में अब तक एइएस वार्ड नहीं खोला गया है. इसके लिए डॉक्टरों की टीम भी नहीं बनायी गयी है. ऐसे हालात में चमकी-बुखार से पीड़ित मरीज पहुंचता है, तो उसके रखरखाव की व्यवस्था नहीं है.
नुक्कड़ नाटक के लिए बनाया जा रहा प्लान : एइएस जागरूकता के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बचाव का संदेश देने की योजना अभी शुरू नहीं हो पायी है. डीएम के निर्देश के बाद पिछले वर्ष प्रभावित प्रखंडों के स्थल का चयन किया जा रहा है.
इसके बाद नाटक की टीम इन जगहों पर जाकर एइएस से बचाव के लिए नाटकों की प्रस्तुति करेगा.
वर्जन
गरमी बढ़ने के साथ चमकी व बुखार के मरीजों का आना शुरू है. हालांकि अभी इसे एइएस नहीं कहा जा सकता. जरूरी जांच कराने के बाद भी बीमारी स्पष्ट नहीं होगी तो एइएस की पुष्टि की जायेगी. केजरीवाल अस्पताल में इलाज की पूरी व्यवस्स्था है.
डॉ राजीव कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ
केजरीवाल में दो बच्चों को भरती कर किया जा रहा इलाज
स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक इलाज की तैयारी नहीं
चमकी बुखार शुरू हुआ तो चलने लगा जागरूकता अभियान
सदर में नहीं है रखरखाव की समुचित व्यवस्था