इस पर राजभवन ने फिर से आपत्ति की. जिस पर विवि ने 12 जनवरी 16 में एकेडमिक कौंसिल से पास कराया. इसके बाद 25 जनवरी 16 को कोर्स चलाने की मंजूरी सिंडिकेट से करायी. पिछले साल 19 मार्च को विवि ने सीनेट में भी इसकी मंजूरी ली थी. ऐसे में एमफिल मामले में राजभवन की ओर से की गई कार्रवाई के बाद अब जांच के दायरे में एकेडमिक काउंसिल, सिंडिकेट व सीनेट सदस्य भी आ गये हैं. साथ ही मामला हाईकोर्ट में भी पहुंच चुका है. इसकी सुनवाई भी 20 मार्च को होनी है.
Advertisement
सीनेट से पास हुआ था एमफिल कोर्स
मुजफ्फरपुर: एमफिल मामले में राजभवन की ओर से आधा दर्जन बार आपत्ति की गयी थी. इसके बाद विवि ने कोर्स को पास कराने के लिए करीब छह बार एकेडमिक कौंसिल, सिंडिकेट व सीनेट से पास कराया था. कोर्स शुरू करने को लेकर सलाहकार समिति की बैठक भी हुई थी. इसमें पूर्व सहित वर्तमान के कई […]
मुजफ्फरपुर: एमफिल मामले में राजभवन की ओर से आधा दर्जन बार आपत्ति की गयी थी. इसके बाद विवि ने कोर्स को पास कराने के लिए करीब छह बार एकेडमिक कौंसिल, सिंडिकेट व सीनेट से पास कराया था. कोर्स शुरू करने को लेकर सलाहकार समिति की बैठक भी हुई थी. इसमें पूर्व सहित वर्तमान के कई अधिकारी उसमें शामिल थे. इसके बाद कोर्स को चलाने की मंजूरी दी गयी थी. ऐसे में अगर निष्पक्ष तरीके से जांच होती है, तो एकेडमिक कौंसिल से लेकर सीनेट व सिंडिकेट सदस्य भी जांच के दायरे में आ सकते हैं. फिलहाल मौजूदा समय में एमफिल मामले की जांच सात सदस्यीय कमेटी कर कर रही है.
एमफिल कोर्स को दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में रेगुलर मोड में चलाने के लिए विवि ने एकेडमिक काउंसिल, सिंडिकेट व सीनेट से पास कराकर राजभवन को भेजा था. इस पर राजभवन ने छह बार आपत्ति दर्ज करायी थी. इस पर विवि ने विवि ने तीन रेगुलेशन में बदलाव किया. इसके बाद राजभवन को प्रस्ताव भेजा गया. विवि ने पहली बार 13 मार्च 2013 को एकेडमिक काउंसिल से पास कराया था. 16 मार्च 2013 में विवि ने सिंडिकेट से इसकी मंजूरी भी ली. इसके बाद विवि ने 30 अप्रैल 2014 को सीनेट की मुहर लगा दी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement