मुजफ्फरपुर : आपसी और जमीनी विवाद में अब छोटे बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है. पीड़ित परिवार ऐसे मामलों की शिकायत थानों में दर्ज करा न्याय का आग्रह जरूर करते है. लेकिन ऐसे मामलों को आपसी विवाद मान पुलिस पहले तो शिकायत दर्ज करने में ही टाल-मटोल करती है. वरीय अधिकारियों के आदेश […]
मुजफ्फरपुर : आपसी और जमीनी विवाद में अब छोटे बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है. पीड़ित परिवार ऐसे मामलों की शिकायत थानों में दर्ज करा न्याय का आग्रह जरूर करते है. लेकिन ऐसे मामलों को आपसी विवाद मान पुलिस पहले तो शिकायत दर्ज करने में ही टाल-मटोल करती है. वरीय अधिकारियों के आदेश पर अगर मामला दर्ज भी हो गया तो इसे आपसी विवाद मान कार्रवाई के बजाय ठंडे बस्ते में डाल देती है. पुलिस के इस रवैये से ऐसे मामलों में लगातार वृद्धि ही हो रही है.
पुलिस के निष्क्रियता से क्षुब्ध पीड़ित आये दिन जाेनल आइजी से लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंच न्याय की मांग करते है. शहर से लेकर देहाती क्षेत्रों में जमीनी या आपसी विवाद होने के बाद बदले की भावना से भरे दोनों पक्ष एक-दूसरे को परेशान करने के लिए अमानवीय रूख भी अख्तियार कर लेते है. इस क्रम में छोटे बच्चों,युवती,महिलाएं और वृद्ध को भी शिकार बनाया जाता है. स्कूल या बाजार जाने के क्रम में छोटे-छोटे बच्चों को धमकी देने से लेकर युवतियों और महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं भी घट रही है. इन मामलों में प्राथमिकी जरूर दर्ज होती है. लेकिन मुकम्मल कार्रवाई नहीं होने से ऐसी घटनाएं लगातार घटित हो रही है.
मामला नंबर एक. अभी हाल ही में गायघाट में एक ऐसी अमानवीय घटना घटित हुई है. थाना क्षेत्र के केवटसा ग्राम निवासी नीरज कुमार सिंह के चार बच्चों को स्कूल जाने के क्रम में तीन माह से परेशान किया जा रहा था. विद्यालय जाने के क्रम में सुनसान जगह पर बच्चों को रोक एक व्यक्ति जान से मारने की धमकी दे रहा था. इस घटना से भयभीत बच्चे स्कूल जाने से कतराने लगे. पहली फरवरी सरस्वती पूजा के दिन उनके बच्चे स्कूल जा रहें थे. रास्ते में सुनसान जगह देख एक व्यक्ति उसे रोका. अपना नाम विश्वनाथ ठाकुर बताते हुए उसके माता-पिता की हत्या कर देने की धमकी दी. इस घटना के बाद नीरज और उनकी पत्नी अपने बच्चों को लेकर बेनीबाद ओपी पहुंचे और मामले की शिकायत की. लेकिन पुलिस इसे आपसी रंजिश मानते हुए मामला दर्ज करने से मना कर दिया. लगातार थाने पर पहुंच शिकायत करने के बाद भी जब दारोगा ने संज्ञान नहीं लिया तो छह फरवरी को एसएसपी कार्यालय पहुंच मामले की शिकायत की है. इस घटना के बाद से उनके बच्चों का घर से निकलना बंद है.
मामला नंबर दो. आपसी विवाद को लेकर कांटी थाने के मिर्जापुर गांव की एक लड़की को कॉलेज जाने के क्रम में काफी परेशान किया गया. उक्त छात्रा के परिजन और पड़ोसी के बीच विवाद हुआ था. पड़ोसी भाड़े के गुंडों को उसके पीछे लगा दिया. पिछले साल मई माह में गुंडा कॉलेज जाने के क्रम में उसके साथ छेड़खानी किया.विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की गयी. मामले की प्राथमिकी महिला थाने में दर्ज करायी गयी. चार लोगों को नामजद भी किया गया. जांच में नगर डीएसपी मामले को सत्य पाते हुए आरोपितों की गिरफ्तारी का आदेश भी दिया. लेकिन अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
मामला नंबर तीन. गत वर्ष 22 नवंबर 2016 को सकरा की एक छात्रा को कोचिंग के लिए शहर आने के दौरान बाइक सवार चार युवक ढ़िघरा चौक पर ऑटो से जबरन उतार लिया और उसके अपहरण की कोशिश की. छात्रा के विरोध करने पर उसपर ब्लेड से हमला कर दिया. इस हमले में छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गयी. इस मामले की भी प्राथमिकी महिला थाने में चंदन,शुभम व अविनाश नाम के लड़कों के विरुद्ध दर्ज की गयी. जांच के दौरान इस मामले में उसके पट्टीदारों के ही हाथ होने की बात सामने आयी थी. छात्रा के परिजनों से आरोपितों का जमीन विवाद था. उक्त मामले को भी पुलिस ठंडे बस्ते में डाल चैन से सोयी हुई है.
जमीन व आपसी विवाद में बच्चों व युवतियों को मिल रही धमकी
पिछले साल दर्ज हुए 102 मामले. इस वर्ष जनवरी माह में कुल छेड़खानी के कुल आठ मामले दर्ज किये गये हैं. विगत वर्ष 2016 में महिलाओं व युवतियों से छेड़खानी के कुल 102 मामले दर्ज किये गये. जिसमें जनवरी में कुल 12,फरवरी में 11,मार्च में 8,अप्रैल में 6,मई में 10,जून में 9,जुलाई में 11,अगस्त में 8,सितंबर में 5,अक्तूबर में 8,नवंबर में 10 और दिसंबर में 7 मामले दर्ज हुए थे. इसमें आधे से अधिक मामलों में जमीनी या आपसी विवाद को लेकर घटना घटित होने का खुलासा जांच में हुआ था. कई मामलों को तो थाने में आने से पहले ही पंचायत या दोनों पक्षों के बीच बातचीत कर हल कराये गये.