मुजफ्फरपुर : सीबीसीएस (च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम) पर काम चल रहा है. भविष्य में अनुमान है कि केंद्र सरकार सीबीसीएस लागू करे. बिहार में इसे लागू नहीं करने के पीछे कुछ वाइस चांसलर का सहयोग नहीं मिलना है. इस सिस्टम के लागू होने से बिहार उच्च शिक्षा में पूरे देश में अव्वल रहेेगा. इसके अलावा […]
मुजफ्फरपुर : सीबीसीएस (च्वाइस बेस्ट क्रेडिट सिस्टम) पर काम चल रहा है. भविष्य में अनुमान है कि केंद्र सरकार सीबीसीएस लागू करे. बिहार में इसे लागू नहीं करने के पीछे कुछ वाइस चांसलर का सहयोग नहीं मिलना है. इस सिस्टम के लागू होने से बिहार उच्च शिक्षा में पूरे देश में अव्वल रहेेगा. इसके अलावा अगर हायर एग्जामिनेशन बोर्ड का गठन हो जाता है,
तो उच्च शिक्षा की क्वालिटी बढ़ेगी. उक्त बातें बीआरए बिहार विवि के कुलपति ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही. उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुये बताया कि 11 कॉलेजों का नैक मूल्यांकन कराया जा चुका है. 100 कॉलेजों ने एसएसआर भी सबमिट कर दिया है. कई कॉलेजों में नैक मूल्यांकन की तैयारी चल रही है. इस पहल के बाद से कॉलेजाें काे काफी सहयोग मिला है. नैक मूल्यांकन में विवि को बी ग्रेड वही विवि से संबद्ध एलएस कॉलेज को ए ग्रेड का दर्जा मिला. हालांकि, इस बीच उन्हें इस बात का मलाल रहा कि वह परीक्षा सिस्टम को पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड नहीं कर सके.
हायर एग्जामिनेशन बोर्ड का हो गठन
अगर हायर एग्जामिनेशन बोर्ड का गठन बिहार में हो जाता है, तो उच्च शिक्षा का स्तर बढ़ेगा. इसे लागू करने के पक्ष में सीएम, गर्वनर, शिक्षा मंत्री व प्रधान सचिव हैं. इस बीच उन्होंने बिहार के लोगों को धन्यवाद करते हुए कहा कि यहां के लोग बहुत अच्छे हैं. बताया कि विवि में 100 किलोवाट का सोलर प्रोजेक्ट शुरू किया गया. शार्ट टर्म कोर्स और एमफिल कोर्स की शुरुआत की गयी. साथ ही एलएलएम जैसे कोर्स काे शुरू कराया गया. बताया कि सत्र की लेट लतीफी की वजह से होम्योपैथ के डॉक्टरों को महाराष्ट्र में काफी परेशान होना पड़ा. इसके लिए भी पहल की गयी. बताया कि सत्र लेट सबसे बड़ी समस्या है. तीन साल के कार्यकाल में विभिन्न पाठ्यक्रमों के 149 परीक्षा ली गयी. इस मौके पर उनकी पत्नी डॉ प्रभा पलांडे, प्रॉक्टर डॉ सतीश कुमार, डीओ कल्याण झा मौजूद रहे.