मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में नकल के आरोप में पीजी थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा से निष्कासित हो चुके छात्र को फस्र्ट क्लास का नंबर देने के मामले में जांच शुरू हो गयी है. परीक्षा विभाग यह पता लगाने में जुट गया है कि आखिर गलती कहां से हुई. इसके लिए केंद्राधीक्षक से छात्र के निष्कासित होने से संबंधित दस्तावेज मांगा गया. साथ ही स्टोर से उक्त छात्र की कॉपी निकालने का भी आदेश जारी किया है.
इधर, मामले का खुलासा होने के साथ ही परीक्षा विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप है. वे अपनी ओर से मामले की जांच में जुटे है. इसके लिए शनिवार को परीक्षा केंद्र के मेमो से लेकर मार्क्स फाइल तक को खंगाला गया. सूत्रों के अनुसार, कार्यालय में मौजूद मार्क्स फाइल में छात्र के एक पेपर में अंक नहीं है. यही नहीं केंद्र के मेमो में भी छात्र को एक पेपर की परीक्षा से अनुपस्थित पाया गया है.
यदि ऐसा है तो इस मामले ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं! आखिर जब मार्क्स फाइल में अंक नहीं है, तो टीआर व अंक पत्र में अंक कैसे आया? क्या विवि को दो तरह के मार्क्स फाइल उपलब्ध कराये गये? किसी भी परीक्षा से छात्र के निष्कासन के बाद केंद्राधीक्षक की ओर से उसकी रिपोर्ट परीक्षा विभाग को उपलब्ध करायी जाती है. ऐसे में रिजल्ट प्रकाशन के समय क्या उस रिपोर्ट की अनदेखी की गयी? फिलहाल परीक्षा विभाग इन सवालों के जवाब पता लगाने में जुटी है.