मुजफ्फरपुर: नवरुणा मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए सीबीआइ की टीम लगातार तीसरे दिन शहर में टिकी रही. 26 नवंबर 2012 को नवरुणा के घर के पास की नाली में मिले कंकाल का राज जानने के लिए गुरुवार को सीबीआइ की तीन सदस्यीय टीम नगर निगम कार्यालय पहुंची. टीम के सदस्यों ने नगर आयुक्त सीता चौधरी से सात बिंदुओं पर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है.
सीबीआइ की टीम यह जानना चाहती है कि कंकाल मिलने के दिन किसके निर्देश पर नाले की सफाई की गयी थी. यहीं नहीं, कौन-कौन से सफाई कर्मी मौजूद थे. उस वार्ड का अंचल निरीक्षक व वार्ड जमादार कौन था, जिस जगह पर नाले से कंकाल मिला है, वह कौन से वार्ड में पड़ता है. उस वार्ड का पार्षद कौन है, उनका फोन नंबर सहित पूरा पता क्या है. घटना के दिन शहर में कौन सी सफाई एजेंसी कार्यरत थी. एजेंसी का पूरा पता क्या है. कौन-कौन से वार्ड की सफाई की जिम्मेवारी संबंधित एजेंसी को थी.
अतुल्य चक्रवर्ती के बगल में होटल वाले का होल्डिंग नंबर क्या है. उसका पूरा पता क्या है. दोपहर तीन बजे के आसपास नगर आयुक्त को सीबीआइ की दो सदस्यीय टीम ने लिखित पत्र सौंपा. उनसे करीब 15 से 20 मिनट की औपचारिक भेंट भी की गयी. सीबीआइ का पत्र मिलने के बाद निगम के स्वास्थ्य विभाग के इंचार्ज को जवाब तैयार करने को कहा गया है. निगम की ओर से से इन प्रश्नों का जवाब तैयार कर लिया गया है.
इधर, निगम में सीबीआइ की टीम पहुंचने पर अफरा-तफरी मची रही. सुबह 11.30 बजे के आसपास भी टीम के सदस्य निगम पहुंचे थे. सामान्य शाखा के कर्मचारी सुमन कुमार से टीम के सदस्यों ने नगर आयुक्त के बारे में पूछताछ की. इसके साथ यह भी पूछा कि 2012 में 26 नवंबर को कौन सी एजेंसी सफाई का कार्य कर रही थी. करीब पांच-छह मिनट के पूछताछ के बाद टीम वहां से रवाना हो गयी थी.
पुलिस ने भी की थी पूछताछ : नाले से कंकाल मिलने के बाद नगर पुलिस ने भी वार्ड 23 के तत्कालीन अंचल निरीक्षक (निदान एजेंसी के ) मिथिलेश कुमार से लंबी पूछताछ की थी. शहर में उस समय निदान के जिम्मे एक दर्जन वार्ड की सफाई का ठेका था. निदान के सफाई कर्मी, अंचल निरीक्षक व होटल मालिक से भी पूछताछ की गयी थी, लेकिन पूछताछ के दौरान नगर पुलिस कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाल पायी थी. कंकाल मिलने के बाद पूरे शहर में हड़कंप मच गया था. किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए आनन-फानन में कंकाल को वहां से हटा लिया गया था. यही नहीं, पुलिस व प्रशासन के सभी वरीय अधिकारियों ने नगर थाने पर बैठक भी की थी.
पार्षद से होगी पूछताछ : नगर निगम से जवाब मिलने पर सीबीआइ की टीम वार्ड 23 के पार्षद पूनम सिन्हा व उनके पति राकेश कुमार पप्पू से पूछताछ कर सकती है. 26 नवंबर 2012 को वार्ड 23 की सफाई की जिम्मेवारी सफाई एजेंसी निदान को थी. हालांकि एक दिसंबर 2013 को निदान ने सफाई से इनकार करते हुए शहर छोड़ दिया था. बताया जाता है कि निगम से जवाब मिलने के बाद सीबीआइ निदान के तत्कालीन सफाई कर्मी, निदान के मैनेजर, अंचल निरीक्षक व वार्ड जमादार सहित होटल मालिक से भी पूछताछ कर सकती है.
खुदाई की होती रही चर्चा : जिस जगह से कंकाल बरामद किया गया था, वहीं पर सड़क की खुदाई की चर्चा गुरुवार को निगम कार्यालय में होती रही. हालांकि बताया जाता है कि वहां पर पुलिया बनाने के लिए निर्माण कार्य होना है, लेकिन इस बात से इनकार भी नहीं किया गया कि सीबीआइ गोपनीय तरीके से पूरे मामले की तह तक जाना चाहती है.