मुजफ्फरपुर: बिहार विवि में नैक के लिए पहल तेज हो गयी है. अगले सप्ताह तक इसके लिए यूजीसी को लेटर ऑफ इंटेंट भेज देने की योजना है. इस सिलसिले में मंगलवार को केंद्रीय पुस्तकालय के कॉन्फ्रेंस रूम में इंटरनल क्वालिटी एस्योरेंस सेल की बैठक हुई. कुलपति डॉ प्रभाकर पलांडे की अध्यक्षता में बैठक में जरूरी अहर्ताओं को पूरा करने की रणनीति तैयार की गयी.
प्रतिकुलपति डॉ निर्मला सिंह ने बेहतर मूल्यांकन के लिए कई सुझाव दिये. इसमें कैरियर काउंसेलिंग सेंटर खोलने, कम खर्च में अधिक सेमिनार के सुझाव भी शामिल थे. इसके लिए उन्होंने सभी पीएचडी के वायवा के दिन ही विभाग में एक छोटा सा सेमिनार आयोजित करने की बात कही. उन्होंने कैंपस में ग्रीन ऑडिटिंग का सुझाव भी दिया. इसके तहत कैंपस में लगे बोटेनिकल पौधों के समीप उसका नाम, महत्व आदि अंकित हो. हर विभागों को एक पिछड़े मोहल्ले को गोद लेने का सुझाव भी दिया. सदस्यों ने कमेटी गठित कर विभागों का निरीक्षण कराने व उनसे सुझाव लेने की सलाह दी, जिसे स्वीकार कर लिया.
बैठक में पुस्तकालय को डिजिटल बनाने, रेमिडियल कोचिंग की संख्या बढ़ाने, माइनर व मेजर शोध प्रोजेक्ट कराने का भी फैसला लिया गया. बैठक में कुलानुशासक डॉ अजय श्रीवास्तव, कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला, विकास अधिकारी डॉ कल्याण झा, एलएस कॉलेज प्राचार्य डॉ अमरेंद्र नारायण यादव, एमएस कॉलेज मोतिहारी के प्राचार्य डॉ उपेंद्र कुंवर, विवि राजनीतिशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ बीके सिन्हा, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ प्रमीला सिन्हा, जूलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ डीके सिंह के अलावा विशेष आमंत्रित सदस्य आरडीएस कॉलेज के नैक कॉर्डिनेटर डॉ अरुण कुमार सिंह व एमएस कॉलेज मोतिहारी के नैक कॉर्डिनेटर डॉ मृगेंद्र शामिल थे.