मुजफ्फरपुर : जिले के 26 नर्सिंग होम लाेगों में संक्रामक बीमारियां फैला रहे हैं. ये मेडिकल कचरे को नियम के तहत निस्तारण नहीं करते, बल्कि सामान्य कचरे के साथ इसे कूड़े के ढेर पर फेंक देते हैं. इनमें सीरिंज से लेकर मानव अंग व नुकीले औजार भी होते हैं. यह कचरा रोड तक फैला रहता है. इससे एचआइवी व हेपटाइटिस बी जैसी गंभीर संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बना रहता है.
यह खुलासा मेडिकेयर इन्वारमेंटल प्राइवेट लिमिटेड ले किया. राज्य स्वास्थ्य समिति से अधिकृत यह एजेंसी बेला में कचरों का निष्पादन करती है. यहां जिले के 127 नर्सिंग होम निबंधित हैं. इसके बदले में सरकार की आेर से निर्धारित दर लिया जाता है. हालांकि इनमें से 26 नर्सिंग होम कई महीनों से मेडिकल कचरे का उठाव नहीं करा रहा है.
एजेंसी की रसीद पर ही एनओसी देने का प्रावधान : नर्सिंग होम के लाइसेंस के लिए प्रदूषण विभाग से एनओसी लेने का प्रावधान है. यह तभी मिलता है, जब नर्सिंग होम मेडिकल कचरे का मानक के अनुसार निष्पादन करते हैं. इसके लिए एजेंसी को अधिकृत किया गया है, जो कचरों को नर्सिंग होम से उठा कर उसे संक्रमण मुक्त करे व मानव अंगों को जलाये. एजेंसी की रसीद पर ही प्रदूषण विभाग से एनओसी लेने का प्रावधान है. इस एनओसी के आधार पर स्वास्थ्य विभाग नर्सिंग होम का लाइसेंस जारी करता है. जिले के कई नर्सिंग होम ने लाइसेंस के समय तो एजेंसी में निबंधन कराया, लेकिन प्रदूषण विभाग से एनओसी व स्वास्थ्य विभाग से लाइसेंस मिलने के बाद एजेंसी की सेवा बंद कर दी.
चार कंटेनर में रखना है मेडिकल अवशिष्ट : बायोमेडिकल वेस्ट 2016 के नये नियम के तहत अब सभी नर्सिंग होम में चार कंटेनर रखने हैं. लाल में लाल में प्लास्टिक कचरा, पीला में ह्यूमन अवशिष्ट, खून से सना कपड़ा, एक्सपायर्ड मेडिसीन, उजला में नुकीला आइटम व नीला में टूटे शीशे रखने हैं. कचरे के निष्पादन में सभी का ट्रीटमेंट अलग-अलग तरीके से किया जाना है. हालांकि कई नर्सिंग होम में भी इन नियमों का पालन नहीं किया है. वे कचरे को मिला देेते हैं.
कूड़े में फेंकते हैं मेडिकल कचरा
जिले के 127 नर्सिंग होम में 101 का मेडिकल कचरा ही सही तरीके से निष्पादित
मेडिकेयर से निबंधित होने के बाद भी नहीं करा रहे मेडिकल कचरा का उठाव
स्वास्थ्य विभाग से लाइसेंस के लिए कराया निबंधन, बाद में कचरा उठाव से मना किया
रद्द होगा लाइसेंस
ऐसे नर्सिंग होम जो मेडिकेयर में निबंधित हैं, लेकिन वे मेडिकल कचरे का उठाव नहीं करा रहे हैं. उनका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. इसके लिए पहले मेडिकयर नोटिस जारी करेगा. मेडिकयर के सीनियर मैनेजर राजीव कुमार ने कहा कि डीएम की देखरेख में लोकल स्तर पर कमेटी बनायी जायेगी. कमेटी ऐसे नर्सिंग होम को चिह्नित कर कार्रवाई करेगा.