मुजफ्फरपुर : अखाड़ा घाट पुल के नीचे बूढ़ी गंडक नदी पर सीढ़ी घाट के निर्माण में जमकर खेल हो रहा है. निर्माण कार्य में गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ हो रहा है. अभियंताओं की मिलीभगत से लोगों को खतरे में डाल पैसे बनाने का काम हो रहा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मिट्टी पर प्लास्टिक बिछा कर ढलाई कर दिया गया है.
मतलब बिना बेस तैयार किये ही आरसीसी किया जा रहा है. निर्माण के इस अनोखे तरीके से लोगों में आक्रोश है. तकनीकी जानकारों का मानना है कि नदी घाट पर इस तरह का निर्माण खतरनाक है. बारिश व बाढ़ के समय नदी का जलस्तर बढ़ने व सीढ़ी धंसने से कभी भी हादसा हो सकता है. जबकि, मानक के अनुसार मिट्टी के नीचे ईंट डाल कर ही ढलाई होनी चाहिए. सीढ़ी घाट के निर्माण के लिए बनाये गये प्राक्कलन में भी यही प्रावधान है.
ईंट लगाने के लिए (वेस्ट स्लैब स्लोप फाउडेंशन) के लिए राशि उपलब्ध करायी गयी है. 13650 वर्ग फिट फाउंडेशन के लिए करीब दो लाख 15 हजार राशि का इस्टीमेट दिया गया है. स्थानीय लोगों की मानें तो अब तक हुए सीढ़ी निर्माण में ईंट का उपयोग ही नहीं किया गया है. जबकि निर्माण कार्य पूरा होने के कगार पर है. जांच होने पर इसका खुलासा हो सकता है.
मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना से हो रहा काम : बहुप्रतीक्षित सीढ़ी घाट का निर्माण नगर विधायक सुरेश शर्मा की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना अंतर्गत हो रहा है. स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन प्रमंडल-एक से होने वाले इस सीढ़ी घाट की कुल प्राक्कलित राशि 52 लाख 71 हजार 500 की तकनीकी स्वीकृति दी गयी है. जिला योजना विभाग से 51 लाख 71 हजार 500 राशि की स्वीकृति दी गयी है. योजना के अंतर्गत सीढ़ी घाट के बीच मार्ग के निर्माण के साथ महिलाओं के लिए स्नानागार का निर्माण भी किया जाना है.