पार्षद का आरोप़. उत्प्रेरक कंपनी की एलइडी, फिलिप्स कंपनी का लोगो
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एलइडी में एक करोड़ का घोटाला !
पार्षद का आरोप़. उत्प्रेरक कंपनी की एलइडी, फिलिप्स कंपनी का लोगो मुजफ्फरपुर : नगर निगम में एलइडी लाइट खरीद में गड़बड़ी को लेकर वार्ड पार्षदों ने मोरचा खोल दिया. इसको लेकर डिप्टी मेयर सैयद माजिद हुसैन, वार्ड 17 की पार्षद राखी देवी, वार्ड 6 के पार्षद पति मो जावेद अख्तर गुड्डू, पूर्व डिप्टी मेयर निसारूद्दीन […]
मुजफ्फरपुर : नगर निगम में एलइडी लाइट खरीद में गड़बड़ी को लेकर वार्ड पार्षदों ने मोरचा खोल दिया. इसको लेकर डिप्टी मेयर सैयद माजिद हुसैन, वार्ड 17 की पार्षद राखी देवी, वार्ड 6 के पार्षद पति मो जावेद अख्तर गुड्डू, पूर्व डिप्टी मेयर निसारूद्दीन उर्फ छोटे नगर निगम में एलइडी लाइट खरीद में अनियमितता का आरोप लगाया. कहा कि यह छोटा मामला नहीं है, इसमें एक करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. इसकी जांच होनी चाहिए, ताकि असलियत सामने आये कि इसमें कौन-कौन शामिल हैं. पार्षदों ने इस मामले में निगम के पदाधिकारियों की मिलीभगत का भी आरोप लगाया.
मामला सामने तब आया जब शनिवार को वार्ड 17 की पार्षद राखी देवी के आवास पर एलइडी लाइट लगाने के लिए निगम की टीम गयी. तो वहां पार्षद राखी देवी व उनके पति हरेंद्र सिंह ने एलइडी लाइट के ऊपर लगे फिलिप्स के स्टीकर को हटाया तो देखा कि लाइट पर उत्प्रेरक कंपनी का नाम लिखा है. इसके बाद पार्षद राखी देवी लाइट लगाने से मना कर दिया. इनका कहना था कि यह लोकल कंपनी की एलइडी लाइट है. शहर के मुख्य मार्ग में लगे एलइडी लाइट खराब हो चुके हैं.
जिसको लेकर जनता सवाल कर रही है. ऐसे में अब इसे गली मोहल्ले में लगाया जायेगा तो जनता पार्षद से पूछेगी. यह नगर निगम की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है, इसकी जांच होनी चाहिए. मामले की सूचना मिलते ही पूर्व डिप्टी मेयर निसारूद्दीन, डिप्टी मेयर सैयद माजिद हुसैन व पार्षद पति मो जावेद अख्तर पहुंचे. जहां डिप्टी मेयर सैयद माजिद हुसैन ने कहा कि उन्होंने एलइडी लाइट जांच का पूर्व में मामला उठाया तो उनके साथ राजनीति हुई, जो आज सबके सामने है
. इन्होंने स्पष्ट रूप कहा कि इस मामले में गड़बड़ी हुई है, जिसकी जांच जरूरी है. वहीं पूर्व डिप्टी मेयर निसारूद्दीन ने कहा कि नगर निगम में एलइडी सहित अन्य मामलों में अनियमितता हो रही है. जैसे शौचालय निर्माण, सबके लिए आवास योजना आदि. केवल एलइडी लाइट में सवा करोड़ का घोटाला हुआ है. वह मंगलवार को निगरानी कोर्ट में एलइडी लाइट,
शौचालय निर्माण, सबके लिए आवास योजना सहित अन्य मामलों में हो रही अनियमितता को लेकर मामला दर्ज करायेंगे. इधर, मेयर वर्षा सिंह ने कहा िक उन्हें मामले की जानकारी नहीं है. यदि शिकायत िमलती है तो इसकी जांच करायी जायगी. यदि इसमें कोई दोषी पाया गया तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
डिप्टी मेयर ने कहा, उठाया सवाल तो मेरे साथ हो गयी राजनीति
एलइडी का स्टीकर उखाड़ कर दिखातीं वार्ड पार्षद राखी देवी तथा पूर्व िडप्टी मेयर मो. िनसारुद्दीन व एलइडी लाइट.
वार्ड पार्षद ने कहा लोकल कंपनी की है एलइडी लाइट
पूर्व डिप्टी मेयर बोले निगरानी में दर्ज कराएंगे मामला
ठेकेदार के भुगतान पर लगे रोक
डिप्टी मेयर सैयद माजिद हुसैन ने एलइडी लाइट खरीद मामले में संवेदक पर अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए, उसके भुगतान पर रोक लगाने को लेकर नगर आयुक्त को पत्र लिखा है. जिसमें मामले की जांच कर कानूनी कार्रवाई की मांग की है. पत्र में डिप्टी मेयर ने कहा है कि उन्हें वार्ड 17 की पार्षद राखी देवी ने इसकी जानकारी दी.
जिसमें कहा कि उनके वार्ड में जो एलइडी लाइट लगाने के लिए उपलब्ध करायी गयी थी. उसमें लाइट पर फिलिप्स कंपनी का लेबल लगा था, जिसे हटाने के बाद पता चला कि उस पर उत्प्रेरक कंपनी का नाम अलंकृत है. एेसे में जो एलइडी लाइट शहर में संवेदक द्वारा लगायी जा रही है वह गलत है, इसकी जांच तकनीकी इंजीनियरों से करायी जाये. चूंकि निविदा में फिलिप्स कंपनी का एलइडी लाइट लगाये जाने का प्रस्ताव पारित है, जबकि संवेदक द्वारा कम लागत की घटिया लाइट लगायी जा रही है.
खुद एलइडी नहीं बनाती है कंपनी
निगम ने एलइडी बल्व की आपूर्ति के लिए जिस ‘उत्प्रेरक इंटरप्राइजेज (opc) प्राइवेट लिमिटेड ’ एजेंसी से करार किया है, वह एक गैरसरकारी कंपनी है, जो 28 अक्तूबर 2015 को निगमित हुई. वेबसाइट पर इसकी मुख्य गतिविधि लीगल, अकाउंटिंग, बुक कीपिंग व ऑडिटिंग बताया गया है. इसके साथ ही कंपनी टैक्स कंसलटेंसी, मार्केट रिसर्च, ओपिनियन पोलिंग व बिजनेस एंड मैनेजमेंट कंसलटेंसी का काम भी करती है. वेबसाइट पर कंपनी के एलइडी बल्व बनाने का कोई जिक्र नहीं है. नगर निगम प्रशासन ने भी साफ कर दिया है कि उसका करार कंपनी से है, जो एलइडी प्रोवाइड करती है पावर्ड बाइ फिलिप्स. यानी कंपनी ने जो एलइडी बल्व प्रोवाइड किये हैं, वह फिलिप्स कंपनी के होने चाहिए. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या फिलिप्स जैसी कंपनी अपने उत्पाद की पहचान के लिए स्टिकर का उपयोग कर सकती है, वह भी किसी दूसरी कंपनी के नाम के ऊपर चिपकाने के लिए!
चंदवारा, मिस्कॉट व मीनापुर की बिजली रहेगी बंद. मुजफ्फरपुर. मुशहरी में बन रहे नये ग्रिड को चालू करने के लिए 132 केवीए लाइन को खींचने को लेकर शहर के दो 33 केवीए एवं ग्रामीण इलाके मीनापुर के एक 11 केवीए फीडर को रविवार को बंद रखा जायेगा. ये तीनों फीडर एसकेएमसीएच ग्रिड से ही बंद रहेंगे. इसकी जानकारी ग्रिड के इंजीनियर ने दी है.
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