मुजफ्फरपुर: जन शिकायत के मामलों के निष्पादन में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों को डीएम अनुपम कुमार ने सख्त चेतावनी दी है. साथ ही कार्य संस्कृति में सुधार लाने की नसीहत दी है. गुरुवार को जनता दरबार में कई पुराने मामलों की रिपोर्ट नहीं सौंपे जाने पर डीएम ने नाराजगी जतायी.
इसी क्रम में औराई प्रखंड के इंदल सहनी के शिकायत पत्र पर स्मार पत्र देने के बावजूद प्रतिवेदन नहीं देने पर बीडीओ को निलंबित करने की अनुशंसा की गयी है. इससे पहले इन पर प्रपत्र क गठित किया गया था.
प्रखंड के वरीय प्रभारी को इस मामले में स्वयं जांच कर प्रतिवेदन देने को कहा गया है. प्रखंड के जनाढ़ निवासी भिखारी ठाकुर के शिकायत पत्र पर कार्रवाई नहीं होने पर वरीय पदाधिकारी औराई सह सामाजिक सुरक्षा कोषांग के निदेशक का वेतन बंद कर स्पष्टीकरण मांगा गया है.
बोचहां के मैदापुर निवासी निरसी देवी ने गांव के दबंग संजय चौधरी के विरुद्ध जमीन अतिक्रमण की शिकायत की. इसी तरह कुढ़नी के ग्राम खरौना जयराम निवासी रामलाल साह की शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने पर सीओ पर प्रपत्र क गठित करने का आदेश दिया गया. कुढ़नी के छाजन विशुनपुर निवासी श्यामा देवी की ओर से अतिक्रमण की शिकायत पर सीओ पर कार्रवाई करने को कहा गया.
साहेबगंज के ग्राम परसौनी जहांगीर के मो अब्दुल्लाह ने शिकायत की कि मध्य विद्यालय में वे नियमित वेतमान पर कार्यरत हैं. इसके बावजूद नियोजित शिक्षक रामकृपाल पासवान को वित्तीय प्रभार दे दिया गया है. डीएम ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया. इसके अतिरिक्त अन्य पुराने मामलों में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, सीओ कांटी, सीओ मोतीपुर, सीडीपीओ मुशहरी, मुरौल व बीडीओ के गायघाट का वेतन बंद कर दिया गया है. जनता दरबार में कुल 302 मामलों की सुनवाई हुई. इनमें 170 नये व 160 पुराने मामलों की सुनवाई हुई.
नगर निगम से रिपोर्ट तलब
नगर निगम की ओर से किसी भी मामले में जवाब नहीं मिलने पर गुरुवार को जनता दरबार में डीएम ने नगर सचिव पर नाराजगी जताया. जनता दरबार के दौरान करीब आधा दर्जन ऐसे मामले सामने आये. जो नगर निगम से संबंधित थे. जिसकी प्रगति के बारे में पूछे जाने पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया, जिस पर डीएम ने अगले जनता दरबार में कार्रवाई रिपोर्ट के साथ आने का निर्देश दिया गया है.