दूसरी ओर असम के भी 100 से अधिक शोधार्थी विवि के इकोनाेमिक्स, अंगरेजी सहित अन्य विषयों में पीएचडी कर रहे हैं. बताया जाता है कि असम के शोधार्थियों ने जो कागजात सौंपे हैं, उनमें गड़बड़झाला है.
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नेपाल के शोधार्थियों के कागजात की होगी जांच
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि ने मंगलवार को होनेवाली परीक्षा बोर्ड की बैठक की तैयारी पूरी कर ली है. परीक्षा बोर्ड में नेपाल के शोधार्थियों व शिक्षकाें के सत्यापन सहित एमफिल धारकों को शोधकार्य पाठ्यक्रम से मुक्त करने के संबंध पर विचार किया जायेगा. इसके अलावा स्नातक पार्ट वन के उत्तरपुस्तिकों के लिए समन्यवकों की नियुक्ति […]
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि ने मंगलवार को होनेवाली परीक्षा बोर्ड की बैठक की तैयारी पूरी कर ली है. परीक्षा बोर्ड में नेपाल के शोधार्थियों व शिक्षकाें के सत्यापन सहित एमफिल धारकों को शोधकार्य पाठ्यक्रम से मुक्त करने के संबंध पर विचार किया जायेगा. इसके अलावा स्नातक पार्ट वन के उत्तरपुस्तिकों के लिए समन्यवकों की नियुक्ति का मामला रखा जायेगा.
विवि से पीएचडी कर रहे नेपाल व असम के शोधार्थियों सहित उनके शिक्षकों के कागजातों का सत्यापन किया जायेगा, क्याेंकि इस बार यह मामला प्रकाश में आया है कि नेपाल से कई शोधार्थी विवि से पीएचडी कर रहे हैं और वह इसके लिए भारत की नागरिकता सहित भारतीय कॉलेज का प्रमाण भी दिये हैं, जिससे की वह फीस से बच सके, क्योंकि किसी विदेशी छात्रों के पीएचडी का शुल्क 3000 हजार डालर है, जबकि भारतीय छात्राें का शुल्क महज तीन हजार रुपये है.
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