मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के पीजी विभागों व अंगीभूत कॉलेजों को ऑनलाइन ऑडियो-विजुअल सिस्टम से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना को मूर्त रूप देने के लिए कुलपति डॉ प्रभाकर पलांडे ने लगातार दूसरे दिन पहल जारी रखी. एक दिन पूर्व पीजी विभागों में सिस्टम डेवलपमेंट के लिए बीएसएनएल के अधिकारियों के साथ हुई वार्ता के बाद मंगलवार को बारी अंगीभूत कॉलेजों के लिए योजना तैयार करने की थी.
इसके लिए कुलपति ने विवि अधिकारियों के साथ वार्ता की. इसमें फैसला लिया गया कि दो सदस्यीय कमेटी बारी-बारी से सभी 39 अंगीभूत कॉलेजों का दौरा करेगी व वहां सिस्टम डेवलप करने के लिए जरूरी सुविधाओं का जायजा लेगी. कमेटी में नोडल अधिकारी डॉ अशोक कुमार श्रीवास्तव व डॉ अजय कुमार को शामिल किया गया है.
20 कर्मियों को मिलेगा कंप्यूटर प्रशिक्षण : कुलपति ने पदभार ग्रहण करते हुए विवि में तकनीकी के विकास पर जोर दिया था. इसमें विवि को पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड करने की योजना भी शामिल है. इसके तहत विवि कर्मियों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण देने का फैसला लिया गया है. पहले चरण में विभिन्न विभागों के 20 कर्मचारियों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जायेगा.
विवि में बनेगा प्रवेश द्वार : बैठक में विवि की सुरक्षा का मुद्दा भी उठा. अधिकारियों का मानना था कि विवि में अधिकांश हंगामे बाहरी उपद्रवियों के कारण होता है. यदि उन पर नकेल कसी जा सके तो हंगामा अपने आप रूक जायेगा. इसके लिए फैसला लिया गया कि जंतु विज्ञान विभाग के समीप विवि का एक प्रवेश द्वार बनाया जायेगा. इसमें लोहे के गेट भी लगाये जायेंगे, ताकि जरूरत पड़ने पर उसे बंद कर उपद्रवियों के प्रवेश पर रोक लगायी जा सके.
बैठक में कुलपति के अलावा कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला, नोडल अधिकारी डॉ अशोक कुमार श्रीवास्तव, डॉ संतोष कुमार, डॉ अजय कुमार व कार्यपालक अभियंता ई राकेश कुमार सिंह शामिल थे.
जजर्र सड़कें व चाहरदीवारी को दुरुस्त करने का निर्देश : इससे पूर्व कुलपति डॉ प्रभाकर पलांडे ने कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला, कार्यपालक अभियंता ई राकेश कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारियों के साथ विवि परिसर का निरीक्षण किया. वे बारी-बारी से सोशल साइंस ब्लॉक, विवि प्रेस, सेंट्रल लाइब्रेरी, जंतु विज्ञान विभाग सहित अन्य विभागों में गये. इस दौरान जगह-जगह जजर्र सड़क व चाहरीदीवारियों की खस्ता हाल पर उन्होंने निराशा जतायी व कुलसचिव से तत्काल इन्हें दुरुस्त कराने का निर्देश दिया. कुलसचिव ने एनआइआइटी की ओर से तैयार किये जा रहे प्रस्ताव में इसे शामिल करने का भरोसा दिलाया. कुलपति व अन्य अधिकारी पीजी ब्वॉयज हॉस्टल वन, थ्री, पीजी गल्र्स हॉस्टल, केंद्रीय पुस्तकालय व डय़ूक हॉस्टल में सरस्वती पूजा स्थल पर भी गये. वहां प्रसाद ली व छात्र-छात्रओं से बातचीत की.