मुजफ्फरपुर: शिक्षा विभाग ने अवैध प्रतिनियोजन शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाने की फैसला कर लिया है. उनका वेतन कोषागार में नहीं भेजा जायेगा. कोषागार से ही उनके भुगतान पर रोक लगा दी जायेगी. शिक्षा विभाग का मानना है कि वेतन रोक दिये जाने से अवैध प्रतिनियुक्ति पर रोक लगेगी.
जिला शिक्षा पदाधिकारी मुस्तफा हुसैन मंसूरी ने बताया कि बीइओ से शिक्षकों का अवैध प्रतिनियोजन रद कर प्रतिनियोजन विहीन प्रखंड का सर्टिफिकेट मांगा था, लेकिन किसी भी बीइओ ने इस कार्य में रुचि नहीं दिखायी है. इस कारण मूल विद्यालय वाले शिक्षकों के वेतन का विपत्र अब कोषागार में जायेगा. शेष प्रतिनियोजित शिक्षकों का वेतन विपत्र रोक दिया जायेगा. वहीं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों पर भी विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.
विभाग ने प्रतिनियोजन के लिए बीइओ व प्रधान शिक्षक जिम्मेवार होंगे. प्रधान शिक्षक अपने स्तर से प्रतिनियोजित शिक्षकों की रिपोर्ट दे सकते हैं. विभाग का कहना है कि विशेष स्थिति में स्कूलों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति बरकरार रखी जा सकती है.
वैसे स्कूल जहां शिक्षकों की कमी से बंद विद्यालय, एक शिक्षक वाला विद्यालय, बुनियादी विद्यालय तथा उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में प्रतिनियोजनविभागीय आदेश के बाद किया जा सकता है. अन्यथा किसी भी स्थिति में प्रतिनियोजन अवैध है. शिक्षक नजदीक या शहरी क्षेत्र के विद्यालय में अपना प्रतिनियोजन करा अपना विद्यालय छोड़ देता है. यह स्थिति विद्यालय व बच्चों के हित में नहीं है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शिक्षक बहाली पूरी किये जाने के बाद ही उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में पठन-पाठन की परेशानी दूर होगी. वहीं, बुनियादी विद्यालय में पहले से ही शिक्षकों की कमी है. यहां प्रतिनियोजन की जा सकती है.