23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

न शिक्षक हैं,न संसाधन कैसे हो बच्चों की पढ़ाई

अव्यवस्था. िमडिल व हाइस्कूलों का हाल मुजफ्फरपुर : बिहार बोर्ड ने 10वीं व 12वीं की परीक्षा में नकल रोककर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने का दावा किया, जो धरातल पर महीनों बाद भी उतरते नहीं दिख रहा. हाइस्कूल व इंटर में शिक्षक व संसाधनों की कमी के चलते पढ़ाई प्रभावित हो रही है. अगले साल बोर्ड […]

अव्यवस्था. िमडिल व हाइस्कूलों का हाल

मुजफ्फरपुर : बिहार बोर्ड ने 10वीं व 12वीं की परीक्षा में नकल रोककर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने का दावा किया, जो धरातल पर महीनों बाद भी उतरते नहीं दिख रहा. हाइस्कूल व इंटर में शिक्षक व संसाधनों की कमी के चलते पढ़ाई प्रभावित हो रही है. अगले साल बोर्ड की परीक्षा में बैठने वाले छात्र-छात्राओं को कोर्स पूरा कराने वाला भी कोई नहीं है. कई विद्यालयों में तो फिजिक्स व केमिस्ट्री की पढ़ाई भी जुगाड़ के सहारे की जा रही है. विज्ञान का कोर्स पूरा कराने का जिम्मा कला के शिक्षकों को दे दिया गया है.
माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में दो हजार से अधिक शिक्षकों की जरूरत है. इस साल नौवीं से 12वीं तक जिले में 1 लाख 36 हजार 979 छात्र-छात्राओं का नामांकन है. विभाग का जो मानक है, उसके अनुसार 40 छात्रों पर एक शिक्षक चाहिए, यानी इस हिसाब से जिले को चाहिए 3417 शिक्षक. इस समय जिले में तैनात हैं 1400 शिक्षक. ऐसे 2017 शिक्षक कम हैं. इसमें भी कई विद्यालयों में फिजिक्स, केमिस्ट्री, अंग्रेजी व संस्कृत जैसे विषयों को भी कोई पढ़ाने वाला नहीं मिल रहा है.
भविष्य के लिए खतरनाक संकेत
शिक्षकों का संकट भविष्य के लिए भी खतरनाक संकेत है, क्योंकि आने वाले दिनों में यह संकट और गहरा सकता है. अभी हाल में ही जिला परिषद नियोजन इकाई ने पांचवें चरण के नियोजन प्रक्रिया के तहत आवेदन लिया, जिसमें कई विषयों के लिए अभ्यर्थी ही नहीं मिले. स्थिति यह है कि फिजिक्स व केमिस्ट्री में एक भी आवेदन जमा नहीं हुआ है, जबकि दोनों विषयों में 110 रिक्तियां विभाग ने तैयार की है. ऐसे ही कला व वाणिज्य में भी कई विषयों के लिए अभ्यर्थी नहीं मिल रहे. पिछले साल रिक्तियों के आधार पर जिला परिषद व नगर निगम ने हाइस्कूल व प्लस टू के लिए विभिन्न विषयों में बहाली की थी. चार चरण के बाद भी शिक्षकों का पद नहीं भरा जा सका, तो पांचवें चरण की प्रक्रिया चल रही है.
शिक्षकों की च्वाॅइस से बिगड़ी स्थिति : नियोजित शिक्षकों की तैनाती उनकी मरजी के अनुसार ही की जानी है. सहमति पत्र भरवाते समय शिक्षकों से तीन विद्यालयों का नाम लिया जाता है, जहां उनकी तैनाती की जा सके. ऐसे में हर कोई आने-जाने की सुविधा व अपनी सहूलियत देखकर ही स्कूल का चयन करता है. जो दूर-दराज के विद्यालय है वहां कोई भी शिक्षक जाना नहीं चाहता. ट्रांसफर के समय भी जुगाड़ लगाकर हर कोई अपनी मरजी के स्कूल में ही जमे रहना चाहता है.
जिले के कई स्कूलों में फिजिक्स
केमिस्ट्री की पढ़ाई भी मुश्किल
02 हजार से अधिक शिक्षकों की विभिन्न विषयों में हैं जरूरत
40 छात्रों पर एक की जगह 90 पर एक शिक्षक तैनात
जिले में शिक्षकों की कमी है. विभाग के मानक के अनुसार 40 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए, लेकिन कमी के चलते 90 पर एक शिक्षक का अनुपात है. शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी इस बात का खयाल रखा जाता है कि शिक्षक की कमी से स्कूलों में पठन-पाठन प्रभावित न हो. अभी स्कूलवार जिले की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. इसके बाद प्लानिंग बनाकर शिक्षकों की तैनाती की जायेगी.
कामेश्वर कामती, डीपीओ माध्यमिक शिक्षा
महत्वपूर्ण विषयों में रिक्तियां
विषय रिक्ति
भौतिकी 56
रसायन विज्ञान 54
मनोविज्ञान 51
इंटरप्रेन्योरशिप 20
मिडिल व प्लस टू स्कूल
कुल स्कूल 242
कुल छात्र 136679
शिक्षक 1400

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें