इनमें पाई और मात्रा तक की गलती शामिल है. डेढ़ घंटे की परीक्षा में 60 आॅब्जेक्टिव सवाल थे. हर सवाल के चार उत्तर दिये गये थे. सही उत्तर पर टिक लगाना था. हर सवाल दो अंक का था. इसमें सामान्य अंगरेजी के 10, सामान्य हिंदी के 10, रिजनिंग के 10, सामान्य जागरूकता के 20 व पढ़ना-सीखना और पाठशाला के 10 सवाल थे. पहले 10 सवाल तो सही थे, लेकिन सामान्य हिंदी के सवाल शुरू होते ही गलतियां शुरू हो गयीं. 12वें सवाल में तस्लीमा नसरीन का नाम सही तरीके से नहीं लिखा जा सका. प्रश्न में न तस्लीमा सही लिखा और न ही नसरीन ही. ऐसे ही बीमार शब्द भी सही तरीके से नहीं लिखा जा सका है. गुरु शब्द भी सही नहीं लिखा है, जिसे गुरू कर दिया गया है. प्रश्नों में ये ऐसी गलतियां हैं, जिन्हें प्राइमरी स्तर की पढ़ाई के दौरान सिखाया जाता है. जिन गुरु जी ने बीएड के छात्रों के लिए प्रश्नपत्र तैयार किया होगा, वो जाहिर है कि वरिष्ठ होंगे और उनकी योग्यता सवालों से परे होगी, लेकिन उनकी ओर से लिखे गये सवाल ही सवालों के घेरे में आ गये हैं.
इधर, इस संबंध में जब विवि के प्रॉक्टर डॉ सतीश कुमार राय से बात की गयी, तो उनका कहना था कि हमने पेपर नहीं देखा है, क्योंकि हमें खोलने का अधिकार नहीं है, लेकिन पेपर बाहर से मंगवाया गया था. इस वजह से गलतियां हो सकती हैं.