मुजफ्फरपुर : दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (एलएनएमयू) में आठ साल के दौरान 143 करोड़ से ज्यादा गड़बड़ी का मामला सामने आया है. इसका खुलासा लेखा नियंत्रक महापरीक्षक की ऑडिट रिपोर्ट से हुआ है. विवि की ऑडिट रिपोर्ट की कॉपी सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत अमित कुमार मंडल ने मांगी थीं. उन्होंने ऑडिट रिपोर्ट को राजभवन भी भेजा है, ताकि गड़बड़ी करनेवालों के खिलाफ जांच व कार्रवाई हो. अप्रैल 2007 से जनवरी 2015 के बीच की Âबाकी पेज 15 पर
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एलएनएमयू में 143 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी
मुजफ्फरपुर : दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (एलएनएमयू) में आठ साल के दौरान 143 करोड़ से ज्यादा गड़बड़ी का मामला सामने आया है. इसका खुलासा लेखा नियंत्रक महापरीक्षक की ऑडिट रिपोर्ट से हुआ है. विवि की ऑडिट रिपोर्ट की कॉपी सूचना का अधिकार (आरटीआइ) के तहत अमित कुमार मंडल ने मांगी थीं. उन्होंने ऑडिट […]
एलएनएमयू में 143 करोड़
ऑडिट रिपोर्ट में लगभग हर मद में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. जिन गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है, उनमें विवि के कई अधिकारी जांच के दायरे में हैं. विवि का ऑडिट झन्ना लाख, विजय कुमार, अजय कुमार सिन्हा, उपेंद्र कुंवर, अजीत कुमार व मेजाज अंजुम की टीम ने किया है. रिपोर्ट के मुताबिक , विवि में 2007 से जनवरी 2015 के बीच हुए कार्यक्रमों, खेल, प्रोजेक्ट तैयार करने, मूल्यांकन कार्य में व्यय, पुस्तकें खरीदने, चेक काटकर बैंक खातों में हेर-फेर कर निकासी व बिजली बिल सहित छोटी-बड़ी सभी योजनाओं में गड़बड़ी की गयी है.
राजभवन को भेजी गयी रिपोर्ट
अप्रैल 2007 से जनवरी 2015
तक का ऑडिट
खेल से लेकर आयोजन तक में गड़बड़ी
बैंक में रुपये जमा करने में भी धांधली
कॉपियों के मूल्यांकन में भी हुआ खेल
ऑडिट रिपोर्ट से हुआ खुलासा
अनुदान में चार करोड़
का गोलमाल
निजी संबंद्धता प्राप्त कॉलेजों को दिये गये अनुदान में भी गड़बड़ी की बात सामने आयी है. रिपोर्ट के मुताबिक, कॉलेजों को अनियमित भुगतान किया जाता था, जिसमें 3.99 करोड़ की गड़बड़ी हुई है. रिपोर्ट में इसकी जांच के अनुशंसा की गयी है, क्योंकि इसको लेकर जो जवाब विवि की ओर से ऑडिट अधिकारियों को दिये गये. उससे वो संतुष्ट नहीं हुए.
दो योजनाओं में 67 करोड़
रुपये की गड़बड़ी
विवि के ऑडिट रिपोर्ट 2007 से 2013 के बीच समीक्षा में पाया गया कि परिसंपत्तियों का ब्योरा ठीक तरीके से नहीं रखा गया, जिसमें 24 करोड़ 78 लाख की गड़बड़ी पायी गयी. विवि कार्यालय के 2012-13 की समीक्षा में पाया गया कि 43 करोड़ सात लाख 42 हजार बैंक के सावधि जमा के रूप में नहीं रखा गया है. इसे ऑटो स्विफ्ट खाते में
दो योजना में
रख दिया गया. खाते से संबंधित कोई लेखा-जोखा रजिस्टर में नहीं चढ़ाया गया और न ही बैंक के कागजात में इसका जिक्र है. बैंक खाते में जो पैसा रखा गया, उसको लेकर बैंक से किसी तरह का करार नहीं किया गया कि बैंक कितना ब्याज देगा और बैंक इस पैसे से कोई चार्ज नहीं काटे.
इन मदों में हुई गड़बड़ी
विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम निर्माण
में 1.78 करोड़ धांधली
अयोग्य ठेकेदारों को निर्माण का जिम्मा देने में 29.89 लाख का नुकसान
निर्माण के कामों में 2.73 करोड़ की धांधली
सीएन कॉलेज दरंभगा में भवन निर्माण में आधुनिकीकरण व जीर्णोद्धार कार्य में एक करोड़ 22 लाख 80 हजार की गड़बड़ी
दूरस्थ शिक्षा संस्थान दरभंगा के अधिकारियों व कर्मचारियों को अग्रिम दिया गया, लेकिन इससे संबंधित खर्च का ब्योरा नहीं दिया गया, जिसमें 72.44 लाख का व्यय हुआ
वैट की कटौती नहीं करने से 10.48 लाख का घाटा
प्रोजेक्ट वायरलेस कैंपस वाइड नेटवर्किंग पर 17.85 लाख खर्च की जरूरत नहीं थी
विवि के मैन्युअल प्रणाली को ऑटोमेंशन प्रणाली बदलने संबंधी प्रोजेक्ट पर 11.42 लाख का अनावश्यक खर्च.
परीक्षा विभाग के
खेल से लेकर…
ऑटोमेंशन मिशन प्रणाली लागू करने में 32.12 लाख की धांधली.
– स्वीकृत से अधिक बल रहने के कारण प्रतिमाह 57 लाख का अनावश्यक खर्च.
– वेतनमद में राशि का 18. 36 लाख की गड़बड़ी.
– वेतनमद दायित्व सृजन में 10 लाख का अनावश्यक खर्च.
– कठ चंदन व मयूरपंखी वृक्ष के बिक्री में 11.45 लाख की धांधली.
– विवि की भूमि अतिक्रमित रहने से दो करोड़ 88 लाख 30 हजार का नुकसान.
– बैंक में जमा किये गए चेक, डीडी, पीओ का बैंक की ओर से भुगतान में विवि खाता में 1.19 करोड़ का नुकसान.
– बिजली बिल में विलंब शुल्क में चार लाख 14 हजार का दंड देना पड़ा.
– गोपनीय मुद्रण मद में 1.78 लाख की गड़बड़ी.
– मुद्रित सामग्री आपूर्तिकर्ता को 19.94 लाख की धांधली.
– ंिप्रंिटग प्रेस पटना को 15.55 लाख की धांधली.
– सावधि जमा का नवीनीकरण नहीं कराने से 1.24 करोड़ ब्याज की हानि.
– सावधि जमा मूल प्रति नहीं उपलब्ध कराने में 8.59 करोड़ का नुकसान.
– पुस्तकों की खरीद में 1.87 करोड़ का नुकसान.
– 2012 के वार्षिक कार्यक्रम 80.77 लाख का गैर जरूरी खर्च.
– दूर शिक्षा संस्थान ने मूल्यांकन कार्य में 17.88 लाख का गोलमाल.
– विवि के विभिन्न निधियों से संबंधित बैंक खाताओं व रोकड़ अवशेष में 24 करोड़.
– परसंपत्तियों पंजी संधारण में 46.17 लाख की गड़बड़ी.
– बैंक खातों में बैंकों की ओर अनियमित रूप से राशि घटाये जाने में 4.57 करोड़ का नुकसान.
– ऑटो स्वीफ्ट बैंक खाते के संधारण में 43 करोड़ की जानकारी नहीं.
– खेल मद में 1.11 करोड़ की गड़बड़ी.
– जांच संबंधी कार्य मद में 29.37 लाख की धांधली
– विवि में कंप्यूटर, टीवी आदि खरीद में 1.24 करोड़ की गड़बड़ी.
– 31 मार्च 2013 चेक, डीडी व पीओ भुगतान के लिए लंबित एक करोड़ 19 लाख 49 का नुकसान.
– पेंशन, एरियर फंड में अंत शेष, एवं बैंक विवरणी में अंतशेष में 13 करोड़ 65 लाख 44 हजार का लेखा-जोखा नहीं.
– कैश भुगतान, एकाउंट पेयी चेक के बदले कैश भुगतान के रूप में 26.77 लाख की गड़बड़ी.
– इसके अलावा कई योजनाओं में करोड़ों की अनियमितता की बात ऑडिट रिपोर्ट में कही गयी है.
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