इसी के साथ चातुर्मास शुरू हो जायेगा. चातुर्मास में मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे, लेकिन पर्व-त्योहार की रौनक छायी रहेगी. 15 जुलाई से 11 नवंबर देवउठनी एकादशी तक 30 से अधिक व्रत-त्योहार होंगे.
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इस बार जल्दी आयेंगी पर्व-त्योहारों की खुशियां
मुजफ्फरपुर: अगले माह से हिंदू पर्व-त्योहारों की रौनक शुरू हो रही है. इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले सारे पर्व-त्योहार 10-15 दिन पहले आ रहे हैं. पिछले वर्ष मलमास के कारण पर्व त्योहार देरी से पड़े थे. लेकिन इस बार पर्व की खुशियां पहले आने वाली है. सितंबर से लेकर नवंतबर तक हर दूसरे दिन […]
मुजफ्फरपुर: अगले माह से हिंदू पर्व-त्योहारों की रौनक शुरू हो रही है. इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले सारे पर्व-त्योहार 10-15 दिन पहले आ रहे हैं. पिछले वर्ष मलमास के कारण पर्व त्योहार देरी से पड़े थे. लेकिन इस बार पर्व की खुशियां पहले आने वाली है. सितंबर से लेकर नवंतबर तक हर दूसरे दिन एक पर्व होगा. देउठनी एकादशी 15 जुलाई को मनायी जायेगी.
चातुर्मास में पुण्यकाल का योग
ज्योतिष शास्त्री पं. रत्नेश मिश्र कहते हैं कि चातुर्मास आषाढ़ के अंतिम चरण से शुरू होकर सावन, भाद्रपद, आश्विन व कार्तिक तक रहता है. यह समय पुण्यकाल होता है. इन महीनों में पृथ्वी की बागडोर भगवान शंकर के हाथ मे होती है. यह काल साधना का समय होता है. इसलिए ज्यादा तीज व त्योहार इसी काल में होता है.
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