मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि के सेंट्रल लाइब्रेरी के कांफ्रेस हॉल में गुरुवार काे कॉमन पैटर्न बीए, बीएससी, बीकॉम सिलेबस में सीबीसीएस (च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) लागू करने काे लेकर मंथन हुआ. इसमें बीआरए बिहार विवि के कुलपति डॉ पंडित पलांडे सहित एलएनएमयू दरभंगा विवि के कुलपति व जेपी विवि के डीन मौजूद थे.
इसके अलावा विवि के सभी विभागाध्यक्ष भी मौजूद थे. सभी विभागाध्यक्षों ने च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करने को लेकर अपने-अपने सुझाव दिये. कुलपति डॉ पी पलांडे ने बताया कि 24 जुलाई को पटना में इसी क्रेडिट सिस्टम पर मुहर लगेगी. इसमें बिहार राज्य के सभी विवि के कुलपति सहित यूजीसी के कई बड़े अधिकारी मौजूद रहेंगे. इस दौरान प्रॉक्टर डॉ सतीश कुमार राय, रजिस्टार डॉ रत्नेश मिश्रा, डीओ कल्याण झा, डॉ शिवानंद सिंह, डॉ कौशल किशोर चौधरी, गृह विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ संगीता रानी आदि मौजूद थीं.
तीनों विवि ने जताई सहमति
बीए, बीएससी, बीकॉम सिलेबस में सीबीसीएस (च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) लागू करने काे लेकर बीआरए बिहार, मिथिला व जेपी विवि ने अपनी-अपनी सहमति जता दी है. इसे लेकर पहले भी बीआरए बिहार विवि के कुलपति डॉ पंडित पलांडे ने राजभवन को प्रस्ताव भेजा था. उसी प्रस्ताव को राजभवन की तरफ से मंजूरी भी मिली थी. राजभवन ने पूरे बिहार में इसे लागू कराने को लेकर अलग-अलग विवि का एक ग्रुप तैयार करवाया था. जिससे की सिस्टम में कुछ और सुझाव अन्य विवि से मिल सके. इसके बाद मिथिला विवि के प्रो वीसी सैयद मुमताजुद्दीन ने भी अपने प्रोजेक्ट को विवि के समक्ष रखा.
स्नातक में लागू होगा सेमेस्टर सिस्टम
स्नातक में नये सत्र से सेमेस्टर सिस्टम पूरी तरह से लागू हो जाएगा. इसके लिए यूजीसी ने पहले ही गाइड लाइन जारी कर रखा है. सेमेस्टर में ही क्रेडिट सिस्टम सहित च्वाइस बेस्ड सिस्टम भी लागू किया जाएगा. इसके लिए विवि दिल्ली की तर्ज पर आड इवन फार्मूला तय किया गया है. स्नातक के छह सेमेस्टर में आड फार्मूले में एक, तीन, पांच सेमेस्टर और इवन में दो, चार और छह सेमेस्टर तय किए गए है. तीन-तीन सेमेस्टर के लिए छह-छह माह निर्धारित किए गए है. साथ ही 90 दिन समय सीमा भी निर्धारित की गई है. और तो और 15 सप्ताह टीचिंग देना अनिवार्य होगा. छात्रों की पढ़ाई में काेई रूकावट न हो इसके लिए लिए उनके पढ़ाई के घंटे भी तय कर दिए गए है. शिक्षकाें को 30 घंटे पढ़ाने होंगे. हर पांच सप्ताह बाद शिक्षकों को एग्जाम कर छात्रों की माॅनिटरिंग करनी होगी. छह विषयों के लिए अधिकतम 120 क्रेडिट स्नातक की पढ़ाई सेमेस्टर सिस्टम में लागू होने के बाद नंबर की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद हो जाएगी.
केवल विवि के पास छात्रों के नंबरों की जानकारी होगी. यह रिजल्ट पर शो नहीं किया जाएगा. इसके बदले छात्रों को विषयवार क्रेडिट सिस्टम से नंबर दिए जाएंगे. छह विषयों के लिए अधिकतम 120 क्रेडिट सिस्टम तय किए गए है. साथ ही प्रत्येक क्रेडिट के लिए पढ़ाने की समय सीमा भी निर्धारित की गई है. 120 क्रेडिट सिस्टम के लिए अधिकतम 180 घंटे तय किए गए है. इनमें सबसे अधिक कोर कोर्स के लिए क्रेडिट तय किए गए है. कोर कोर्स में अधिकतम 56 क्रेडिट, इलेक्टिव कोर्स (चूज किया हुआ विषय) के लिए 12 क्रेडिट तय हुए है. साथ ही इनकी पढ़ाई के लिए सप्ताह में 24 घंटे निर्धारित हुए है.
हो सकेगा क्रेडिट ट्रांसफर
छात्रों को पढ़ाई में दक्ष करने के लिए क्रेडिट ट्रांसफर सिस्टम पहली बार लागू होगा. बीआरए बिहार विवि के कुलपति डॉ पी पलांडे ने बताया कि कोर कोर्स में कोई बदलाव नहीं होगा. विवि की ओर से जो कोर्स तय होंगे वह कोर्स छात्रों को दिए जाएंगे, लेकिन छात्र इस बीच सीबीसीएस के जरिये कोई एक अन्य विषय भी पढ़ सकता है. यह सुविधा छात्रों को देश के किसी भी विवि में मिलेेगा. छात्र अगर दूसरे विवि में एक कोर्स करना चाहेगें तो आसानी से उस कोर्स की फीस जमा कर पढ़ाई कर सकते है. इस बीच उसके क्रेडिट विवि के अंक पत्र पर ही दर्ज होंगे.
बीच में पढ़ाई छोड़ने पर नहीं होगा रजिस्ट्रेशन कैंसिल
सेमेस्टर सिस्टम व सीबीसीएस सिस्टम लागू होने के बाद अगर छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ देते है तो उनका रजिस्ट्रेशन विवि कभी कैंसिल नहीं करेगा. छात्र कभी भी किसी भी उम्र में अपना डिग्री पढ़ाई पूरी कर ले सकते है. ऐसी व्यवस्था विदेशाें के कई विवि में लागू भी है. ऐसा निर्णय यूजीसी ने इसलिए लिया है कि छात्र अपनी पढ़ाई पैसे के अभाव में अगर छोड़ भी देते है तो वह बाद में अपनी पढ़ाई पूरी कर डिग्री हासिल कर ले.
जांच के लिए बनायी गयी कमेटी
कुलपति डॉ पी पलांडे ने बताया कि विवि कैंपस व कॉलेज में पढ़ाई की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है. जो कैंपस में व कॉलेज में चल रहे क्लास का निरीक्षण करेगी. इस दौरान यदि शिक्षक पढ़ाते हुए नहीं पाएं गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाएगा.